पी वी सिंधु भारतीय बैडमिंटन में एक उभरता हुआ खिलाड़ी जिसने अपने उत्कृष्ट खेल के बदौलत केवल अपने और अपने परिवार ही नहीं बल्कि देश का भी नाम और तिरंगा पुरे विश्व में ऊँचा किया है। पी वी ने अक्सर अपने खेल के बदौलत देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपने परिवार और तिरंगे का मान सम्मान ऊँचा करती रही है। इस लेख में आपको पी वी सिंधु से जुड़ी हर वो छोटी बड़ी जानकारी देने की कोशिश की जाएगी जिसे आप जानना चाहते हैं।

पी वी सिंधु का व्यक्तिगत जीवन
पी वी सिंधु एक विश्व वरीयता प्राप्त भारतीय महिला बैडमिन्टन खिलाड़ी जिनका पूरा नाम पुर्सला वेन्कटा सिंधु है। 5 जुलाई 1995 को जन्मी आंध्रप्रदेश की युवा बैडमिन्टन खिलाड़ी पी वी सिंधु आज किसी नाम की मोहताज नहीं है।
आपको बताते चलें कि पी वी सिंधु ने महज 8 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था वो कहते हैं न की मां बाप असर बच्चों पर देखने को जरुर मिलता है। ऐसा ही कुछ पी वी सिंधु के साथ भी हुआ। पी वी सिंधु के पिता एक वॉली बॉल खिलाड़ी थे और एक होनहार खिलाड़ी होने के नाते वो अक्सर अपने टीम को खुद के प्रदर्शन से जिताया करते थे, और इसके लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भी
किया गया जा चुका है।
हालांकि पी वी सिंधु का वॉलीबॉल को न चुन कर बैडमिन्टन चुनने के पीछे एक खास वजह थी असल मे पी वी सिंधु उस दौर के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद से काफी ज्यादा प्रभावित थीं, जो वर्ष 2001 मे ऑल इंग्लैंड ओपेन बैडमिंटन चैम्पियन बने।
पी वी सिंधु का जीवन सारांश
नाम | पी वी सिंधु |
पूरा नाम | पुर्सला वेन्कटा सिंधु |
पेशा (Profession) | बैंडमिंटन खिलाड़ी |
कोच (Coach) | Park Tae-sang (कोरियाई बैडमिंटन खिलाड़ी) |
ऊंचाई (Height) | 5 फ़ीट 10 इंच |
वजन (Weight) | 65 किलोग्राम |
जन्म तिथि (Birthday) | 5 जुलाई 1995 |
उम्र (Age) | 26 वर्ष (2021 में) |
जन्म स्थान (Birthplace) | हैदराबाद, तेलंगाना, भारत |
गृहनगर (Hometown) | हैदराबाद, तेलंगाना, भारत |
राशि (Zodiac) | कर्क राशि |
धर्म (Religion) | हिन्दू (Hinduism) |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
व्यक्तिगत जीवन (Personal Life) | |
माता (Mother) | पी.विजय |
पिता (Father) | पि.वि.रमन्ना |
बहन (Sister) | दिव्यराम |
वैवाहिक जीवन | अवैवाहिक |
पति (Husband) | -NA- |
शिक्षा (Education) | |
विद्यालय (School) | Auxilium High School, सिकंदराबाद |
महाविद्यालय (College) | St. Ann’s College for Women, Mehdipatnam |
शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification) | M.B.A |
खेल जीवन (Sports) | |
खेल | बैडमिंटन |
कोच (Coach) | |
कीर्तिमान (ecord) | जीत: 344, हार: 148 |
तमगा (Medals) | 🥇स्वर्ण पदक विश्व चैंपियनशिप – 2019 महिला एकल, कॉमन वेल्थ गेम्स – 2018 मिक्स्ड टीम, साउथ एशियाई गेम्स – 2016 महिला टीम, कामनवेल्थ युवा गेम्स – 2011 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप – 2012 🥈रजत पदक ओलिंपिक गेम्स – 2016 महिला एकल, विश्व चैंपियनशिप – 2017 महिला एकल, विश्व चैंपियनशिप – 2018 महिला एकल, एशियाई गेम्स – 2018 महिला एकल कॉमन वेल्थ गेम्स – 2018 महिला एकल, साउथ एशियाई गेम्स – 2016 महिला एकल. 🥉कांस्य पदक विश्व चैंपियनशिप – 2013 महिला एकल, विश्व चैंपियनशिप – 2014 महिला एकल, उबर कप – 2014 महिला टीम, उबर कप – 2016 महिला टीम, एशियाई गेम्स – 2014 महिला टीम, कॉमन वेल्थ गेम्स – 2014 महिला एकल, एशियाई चैंपियनशिप – 2014 महिला एकल, एशियाई जूनियर चैंपियनशिप – 2012 महिला टीम, एशियाई जूनियर चैंपियनशिप – 2012 गर्ल्स एकल. |
सम्मान (Honoured) | 1. 8 नवंबर 2021 को राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित। 2. मार्च 2015 में पद्म श्री से सम्मानित। 3. अगस्त 2016 में राजिव गाँधी खेल रत्न से सम्मानित। 4. सितम्बर 2013 में अर्जुन अवार्ड् से सम्मानित। |
पी वी सिंधु का खेल प्रदर्शन
वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक मे भारत को बैडमिंटन मे रजत पदक दिलाने वाली सिंधु पर आज पूरा देश गर्व महसूस करता है। हालांकि, यह बहुत ही नाजुक क्षण था जब पी वी सिंधु स्वर्ण पदक से चूक गई थी। मगर यह तो साफ है की उनके प्रदर्शन ने यह साबित कर दिखाया की देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।
घरेलू क्षेत्र में सिंधु का प्रदर्शन
सिंधु का महज 8 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना यही अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और उनके इस शानदार प्रदर्शन की वजह से ही वर्ष 2014 मे उन्हे शिर्ष 10 की रैंकिंग मे शामिल किया गया था। आपको यह सुनकर गर्व महसूस होगा की आज की तारीख में सिन्धु सबसे कम उम्र की बैडमिंटन खिलाडियों में से एक है।
सिन्धु की सबसे ज्यादा पहचान 5वीं सर्वो ऑल इंडिया चैम्पियनशिप के रूप मे अंडर 10 श्रेणी के लिए मिली है। इनहोने बहुत सारे खिताब अपने नाम किये चाहे ऑल इंडिया रैन्कींग मे अम्बुजा सीमेंट की ओर से एकल खिताब हो या फिर आई०ओ०सी अखिल भारतीय रैंकिंग मे अंडर-13 श्रेणी मे खेलते हुए कृष्णा खेतान ऑल इंडिया टूर्नामेंट, उप जूनियर राष्ट्रीय और पुणे मे अखिल भारतीय रैंकिंग मे युगल खिताब हो।
अंडर-14 की श्रेणी में खेलते हुए पी वी सिंधु भारत मे 51 वे राष्ट्रीय स्कूल के खेलो मे स्वर्ण पदक जीतकर अपने खेल का लोहा मनवा लिया था। पीवी सिंधु ने छोटी सी उम्र मे ही कड़ी मेहनत की और इसका नतीजा है कि वह कम उम्र से ही बड़ी सफलता हासिल करते आ रही है।
अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में सिन्धु का प्रदर्शन
पीवी सिंधु ने रास्ट्रीय स्तर पर जो मुकाम हासिल किया है उसे अपने प्रदर्शन के दम पर अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने उम्दा खेल का परिचय दिया है। वर्ष 2009 मे ने कोलंबो में आयोजित सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। इसके बाद 2010 मे ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग मे भी रजत पदक जीती ओर देश का नाम ऊंचा किया। 7 जुलाई, 2012 को सिंधु ने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को फाइनल मे हराकर एशिया यूथ अंडर- 19 चैम्पियनशिप जीती।
लंदन मे पी वी सिंधु ने चाइना की ओलंपिक सवर्ण पदक विजेता li xuerui को हराकर सब को हैरान कर दिया था। इन सब के अलावे हम पिछली ओलिंपिक की बात करें तब 2016 मे रियो में हुआ था।उसकी झलक तो आज भी लोगों के दिलो जान मे ताजा हो जाती है, जब सिन्धु ने अपने करियर की सबसे बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर फाइनल तक का सफ़र तय किया था, हालांकि वो अपने मेडल को स्वर्ण मे तब्दील तो नहीं कर पायी मगर पूरे देश का दिल जीतकर सबसे कम उम्र की रजत पदक विजेता खिलाड़ी बनी।
सिंधु का सफ़र यहीं ख़त्म नही हुआ है वह लगातार अपने खेलों मे निरंतर निखार ला रही हैं और नए-नए कीर्तिमान और सफलता के झंडे गारते जा रही है। इसका ताजा उदाहरण है वर्ष 2017 में इंडिया ओपेन सुपर सिरीज़ का वो मुकाबला जो दिल्ली मे हुआ था। इस मुकाबले मे सिंधु के सामने विश्व की नम्बर 1 बैडमिंटन खिलाडी कैरोलिना थी और आपको यह जानकर गर्व मह्सूस होगा की सिन्धु ने उन्हे हराकर नया इतिहास रच दिया था।
पी वी सिंधु टोक्यो ओलिंपिक 2020 में
पी वी सिंधु ने डेनमार्क की खिलाड़ी Mia Blichfeldt को हराकर महिला एकल बैडमिंटन के क्वार्टरफईनल में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है। अब आगामी मैच में सिंधु का सामना जापान की Akane Yamaguchi और कोरिया की Kim Gaeun के बिच मैच जितने वाली खिलाड़ी से होगा।
पी वी सिंधु का पुरस्कार और सम्मान
अपने उम्दा खेल प्रदर्शन के लिए पी वी सिंधु को भारत सरकार की तरफ से पद्म श्री और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वहीँ भारतीय बैडमिंटन समिति की ओर से 10 लाख, तेलंगाना राज्य की तरफ से जमीन और 5 करोड़ रूपये अपने राज्य का नाम रौशन करने के लिए दिया गया था। इसके अलावा इन्हे आंध्रप्रदेश सरकार की ओर से जमीन और नौकरी तथा 3 करोड रूपये भी शामिल है। पी वी सिंधु को जिला बैडमिंटन समिति की ओर से बी०एम०डब्लू कार भी उपहार स्वरूप दिया जा चूका है।
पी वी सिंधु टोक्यो ओलिंपिक 2020 वीडियो
पी वी सिंधु ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में कांस्य पदक जीत कर देश का नाम ऊंचा किया और भारत को एक दूसरा पदक दिलाया।
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अंतिम शब्द
इस लेख के माध्यम से आपने पी वी सिंधु के व्यक्तिगत जीवन से लेकर खले जीवन की हर एक पहलु को जाना और उम्मीद है आप भी इनसे प्रेरित हुए होंगे। इसके अलावा आपके मन में किसी प्रकार का कोई सवाल हो तब निचे कमेंट करके हमें बता सकते हैं। हमारे द्वारा प्रस्तुत इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
FAQ’s
Q: पी वी सिंधु कौन है?
उत्तर: पी वी सिंधु भारत की एक सर्वश्रेस्थ बैडमिंटन खिलाड़ी है पद्म श्री और अर्जुन पुरष्कार से भी सम्मानित किया जा चूका है।
Q: पी वी सिंधु किस खेल से सम्बंधित है?
उत्तर: पी वी सिंधु बैडमिंटन खेल से सम्बंधित है।

जैकी कुमार ने Bachelor of Arts में स्नातक डिग्री प्राप्त किया है और ये एक व्यापारी हैं, इसके साथ ही ये अपने Passion को फॉलो करते हुए अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकाल कर हिंदी में ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं।
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