बच्चों की कविता | Poems in Hindi

बच्चों की कविता | Poems in Hindi

इस लेख में बच्चों की ढेरों कविताओं (Poems in Hindi) का संग्रह दिया गया है। जिससे आप भी अपने छोटे-छोटे बच्चों को ये कविता को पढ़ा सकते हो और उन्हें अच्छी-अच्छी एक्टिविटी का हिस्सा बना सकते हो।

बंदर मामा

बंदर मामा पहन पैजामा, दावत खाने आये।

ढीला कुर्ता, टोपी,जूता, पहन बहुत इतराये।

रसगुल्ले पर जी ललचाया, मुँह में रखा गप से।

नरम-नरम था, गरम-गरम था

जीभ जल गयी लप से।

बंदर मामा रोते-रोते वापस घर को आये,

फेंकी टोपी, फेंका जूता, रोये और पछताए।

आलू कचालू

आलू का चालू बेटा कहाँ गए थे?
बैगन की टोकरी में सो रहे थे,
बैगन ने लात मारा रो रहे थे।
मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे।

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चल मेरे घोड़े

चल मेरे घोड़े चल-चल-चल,

हीं-हीं करके नहीं मचल,

चल मेरे घोड़े चल-चल-चल,

दाएं चल या बाएं चल,

सीधे चल या उलटे चल

इधर-उधर तू नहीं भटक,

चल मेरे घोड़े चल-चल-चल।

लाला जी

लाला जी ने केला खाया,
केला खाकर मुँह पिचकाया,
मुंह पिचककर छिलका फेंका,
छड़ी उठाकर कदम बढ़ाया,
कदम के निचे छिलका आया,
लाला जी गिरे धड़ाम,
हड्डी – पसली दोनों टूटी,
मुंह से निकला, हाय राम, हाय राम, हाय राम!

धोबी आया

धोबी आया, धोबी आया

कपडे साफ़, कितने कपडे लाया?

एक, दो, तीन,

चार, पांच छह,

सात, आठ, नौ,

दस और बस।

मछली जल की रानी है

मछली जल की रानी है,

जीवन उसका पानी है,

हाथ लगाओ तो डर जाएगी,

बहार निकालो तो मर जाएगी।

नानी और कहानी

नानी-नानी सुनो कहानी,
एक था राजा एक थी रानी,
राजा बैठा हाथी पर,
रानी बैठी पालकी पर,
बदल गरजा बरसा पानी,
भीगा राजा बच गयी रानी।

गुड़िया रानी

ये है मेरी गुड़िया रानी,

मुझसे सुनती रोज़ कहानी,

खाती रोटी, पीती पानी

कभी न करती ये शैतानी।

हाथी राजा

हाथी राजा कहाँ चले?

सूंढ़ हिलाकर कहाँ चले?

मेरे घर भी आओ ना

हलवा पूरी खाओ ना

आओ बैठो कुर्सी पर,

कुर्सी बोली चटर-पटर,

चटर-पटर

आसमान में तारे

आसमान में निकले तारे
चंदा मामा कितने प्यारे,
सबके मन को बहलाते हैं,
नयी चांदनी चिटकाते हैं,
देखो इनकी शान निराली,
सूरत कितनी भोली-भाली,
रोज़ सवेरे छिप जाते हैं,
जैसे हमसे शरमाते हैं,
आओ चंदा मामा आओ,
अपने घर की बात सुनाओ।

वर्णमाला

अ से अनार, आ से आम

होते हैं सब मिलकर काम।

इ से इमली, ई से ईख

अच्छी-अच्छी बातें सिख।

उ से उल्लू, ऊ से ऊंट

एक-एक कर भर लो घूंट।

ए से एड़ी, ऐ से ऐनक

भाग रहे हैं, दुश्मन के सैनिक।

ओ से ओखली, औ से औज़ार

फैले-फुले सारे संसार।

अं से अंगूर, अ: से खाली

उतना खाओ जितनी थाली।

रोज़ सवेरे

रोज़ सवेरे उठना अच्छा,

नित्य कर्म करना अच्छा,

ठीक समय पर पढ़ना अच्छा,

नहीं किसी से लड़ना अच्छा।

बिल्ली मौसी

बिल्ली मौसी, बिल्ली मौसी,
कहो कहाँ से आयी हो?
कितने चूहे मारे तुमने?
कितने खाके आई हो?
तब बिल्ली कहती है:
क्या बताऊँ शिला बहन,
आज नहीं कुछ पेट भरा
एक ही चूहा खाया मैंने
वह भी बिल्कुल सड़ा हुआ।

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प्यासा कौआ

एक कौआ प्यासा था,

घड़े में पानी थोड़ा था,

कौए ने डाला कंकड़,

पानी आया ऊपर

कौए ने पि लिया पानी,

खत्म हुई कहानी।

बच्चों की कविता | Poems in Hindi

भाई-भाई

चुन्नू-मुन्नू थे दो भाई,

रसगुल्ले पर हुई लड़ाई,

चुन्नू बोलै मैं खाऊंगा,

मुन्नू बोलै मैं खाऊंगा।

हल्ला सुनकर मम्मी आई,

दोनों को एक चपत लगाई,

कभी न लड़ना, कभी न झगड़ना

आपस में तुम मिलकर रहना।

सड़क

सड़क बनी है लम्बी चौड़ी,

उसपर जाती मोटर गाड़ी,

सब बच्चे पटरी पर आओ,

बीच सड़क पर कभी न जाओ

जाओगे तब दब जाओगे

चोट लगेगी तब पछताओगे।

चिड़िया

ची-ची चूर-चूर करती चिड़ियाँ,

फुर -फुर, फ़ूऱ – फुर उड़ती चिड़ियाँ।

फुदक-फुदक कर ,गाना जाती,

रोज़ सवेरे मुझे जगाती।

तितली रानी

तितली रानी इतनी सुंदर,
पंख कहाँ से लाइ हो।
क्या तुम कोई सहजादी हो,
परी लोक से आयी हो।
फूल तुम्हे भी अच्छे लगते,
फूल हमें भी भाते हैं,
वो तुमको कैसे लगते,
जो फूल तोड़ ले जाते हैं।

पानी बरसा

पानी बरसा, छम – छम – छम,

ऊपर छाता नीचे हम,

छाता लेकर निकले हम,

पैर फिसला गिर गए हम।

नाव हमारी

जल्दी-जल्दी दौड़े आओ,

रंग बिरंगे कागज़ लाओ,

सुन्दर सी एक नाव बनाकर,

मिलजुल कर उसको तैराओ,

खूब तेज़ चलती है नाव,

कभी न थकती अपनी नाव,

आगे-आगे बढ़ती जाती,

पार हमें ले जाती नाव।

तोता

तोता हूँ मैं तोता हूँ,
हरे रंग का होता हूँ,
चोंच मेरी लाल है,
सुंदर-सुंदर चाल है,
बागों में मैं जाता हूँ,
मीठे फल मैं खाता हूँ,
देख-देख माली को
निचे पत्तो में मैं छिप जाता हूँ।

टमाटर

गोल-गोल ये लाल टमाटर,

होते हैं जिससे गाल टमाटर,

खून बढ़ाता लाल टमाटर,

स्फूर्ति बढ़ाता लाल टमाटर,

स्वस्थ बनाता लाल टमाटर

मस्त बनाता लाल टमाटर,

हम खाएंगे लाल टमाटर,

बन जाएंगे लाल टमाटर।

कोयल

कोयल-कोयल बोल रही है,
डाल – डाल पर डोल रही है,
कुहुँ-कुहुँ कर गीत सुनाती
कभी न मेरे घर को आती।
आमो की डाली पर गाती,
बच्चों के दिल बहलाती,
कुहुँ-कुहुँ कर किसे बुलाती,
क्या अम्मा की याद सताती?
यदि हम भी कोयल बन जाते,
उड़ते फिरते गीत सुनाते।

बंदर की दूकान

एक बंदर ने खोली दूकान,

सजा के रखा सारा सामान,

दूर से आये मेहमान,

बंदर की बढ़ गयी आन और शान,

मेंढक जी आये झोला लेकर,

हाथी जी आये सूंढ़ हिलाकर,

मेंढक ने पूछा कीड़ा का दाम,

हाथी ने लिए सारे आम,

छुक -छुक

गाड़ी कहती छूक -छूक -छूक,

धुआं उड़ाती फुक-फुक-फुक,

इंजन जाए आगे ही आगे,

पीछे डिब्बे भागे,

सुरंग में ये जब जाते,

दिन को ये रात बनाते,

छूक – छूक कर ये गाती जाती,

सिटी खूब बजाती।

मम्मी की रोटी गोल

मम्मी की रोटी गोल-गोल,

पापा के पैसे गोल-गोल,

दादा का चस्मा गोल-गोल,

दादी की बिंदी गोल-गोल,

मम्मी की बेटी गोल-मटोल,

मम्मी की रोटी गोल-गोल।

चंदा मामा

चंदा मामा आओ ना,

दूध बताशा खाओ ना,

मीठी लोरी गाओ ना,

बिस्तर पर सो जाओ ना।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से आपने बच्चों की हिंदी कविता को पढ़ा और उन्हें पढ़ाया। इस लेख से संबंधित किसी तरह कोई शिकायत, सुझाव या सवाल आपके पास हो तब निचे कमेंट करके हमें जरूर बतलायें, धन्यवाद्।