बैंक लोन के फायदे, नुकसान और इसके प्रकार

जीवन में पैसों की जब भी किल्लतें सामने आती है, तब सबसे पहला विकल्प जो हमारे सामने मौजूद होता है वो है: बैंक लोन। वर्तमान समय में लोग केवल किसी वित्तीय समस्या के कारण ही बैंक लोन नहीं लेते बल्कि अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को भी पूरी करने के लिए बैंक लोन लेते है। जैसे नयी या पुरानी कार के लिए लोन, घर अथवा फ्लैट के लिए लोन, एजुकेशन लोन इत्यादि।

इस लेख के जरिये आप जानोगे की आखिर बैंक लोन क्या है? इसके अलावा आप इससे जुड़े फायदे और नुकसान को भी जानोगे। अगर आप किसी भी प्रकार के बैंक लोन लेने का मन बना रहे हो, तब ये लेख आपको फैसले लेने में काफी हद्द तक मदद करेगी।

बैंक लोन क्या है?

जब कोई इंसान को अपनी कुछ व्यक्तिगत या सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की आवश्यकता होती है। तब इसके लिए वो बैंक से ऋण लेने का विचार करता है। बैंक से मिलने वाला यही ऋण बैंक लोन के नाम से जाना जाता है। बैंक लोन के दो हिस्से होते हैं पहला: मूलधन और दूसरा: ब्याज

मूलधन वो रकम होती है, जिसे आप ऋण के रूप में अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लेते हैं और वहीं मूलधन पर लगने वाली अतिरिक्त शुल्क जो आप अपने बैंक को चुकाते हैं, वो ब्याज कहलाती है।

बैंक लोन के फायदे, नुकसान और इसके प्रकार
बैंक लोन के फायदे, नुकसान और इसके प्रकार

बैंक लोन के प्रकार

आमतौर पर बैंक लोन को दो भागों में विभाजित किया जाता है:

  1. सुरक्षित ऋण (Secured Loan): वैसा बैंक लोन जिसमे ऋण के बदले ग्राहक द्वारा अपनी संपत्ति को सुरक्षा जमा के रूप में पेश किया जाता है वो सुरक्षित ऋण अर्थात Secured Loan कहलाता है। ऐसे लोन आमतौर पर लम्बी समय अवधी के लिए दिए जाते है। ऋण की अदायगी नहीं करने की स्तिथि में वित्तीय संस्थानों के पास आपकी संपत्ति को जब्त करने के अधिकार होता है।
  2. असुरक्षित ऋण (Unsecured Loan): वैसा बैंक लोन जिसमे ऋण के बदले ग्राहक को अपने किसी भी संपत्ति को सुरक्षा जमा के रूप में पेश करना नहीं पड़ता वो असुरक्षित ऋण अर्थात Un-Secured Loan कहलाता है। ऐसे ऋण आमतौर पर कम समय अवधी के लिए दिए जाते हैं।

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बैंक द्वारा दिए जाने वाले लोन के उदाहरण

  • व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan)
  • शिक्षा ऋण (Education Loan)
  • बंधक ऋण (Mortgage Loan)
  • गृह ऋण (Home Loan)
  • कार ऋण (Car Loan)
  • दोपहिया ऋण (Two-Wheeler Loan) आदि।

बैंक लोन के फायदे

बैंक लोन का नाम सुनते ही लोगों के मन में ऐसी धारणा बन चुकी है की इसके नुकसान ही होते होंगे। लेकिन लोगों के मन में बैठी ये धारणा बिल्कुल गलत है। इ बात सौ फीसदी सच है की इसके संभावित नुकसान हैं। लेकिन इस बात को बिल्कुल नकारना गलत होगा की इसके फायदे नहीं है। बैंक लोन से जुड़े संभावित फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

ये अस्थाई होता है

बैंक लोन स्थाई नहीं बल्कि अस्थाई होता हो। बैंक से लिए गए गए रकम को EMI के रूप में वापस चूका देने के पश्चात बैंक का इसके लोन ग्राहक से कोई नाता नहीं रहता। बल्कि अगर किसी लोन ग्राहक ने समय रहते बैंक से लिए गए क़र्ज़ को चुकाया है तब उसे दुबारा लोन लेने में बैंक के तरफ से आकर्षक ब्याज दर पर ऑफर भी दिए जाते हैं।

नकदी नहीं होने पर भी मिलते हैं पैसे

बैंक लोन की सबसे बड़ी खासियत या कहें फायदे यही हैं की नगदी न होने की स्तिथि में भी बैंक या वित्तीय संस्थान लोन जारी करती है। जिसका उपयोग लोग अपनी किसी तरह की जरूरत को पूरा करने में करते हैं। आमतौर पर बैंक से ऋण लेना उनके लिए फायदेमंद होता है जो अपनी नयी बिज़नेस की शुरुआत करना चाहते हैं।

विकास का चालक

बैंक लोन किसी भी देश के साथ साथ वहाँ की कंपनियों के लिए विकास का एक प्रमुख चालाक माना जाता है। देश में ऐसी कम ही कंपनियां होती है जिनके पास पूर्ण रूप से नगदी मौजूद रहता हो। ऐसे हालत में भी बैंक ही एक ऐसा कंपनियों का सुचारु रूप से कार्य करने के लिए लोन के रूप में पैसे देकर चालू अवस्था में रखती है।

उचित ब्याज दर

आमतौर पर बैंकों द्वारा किसी भी तरह के लोन पर लिया जाने वाला ब्याज दर काफी कम होता है। यह सालाना 6% से 11% के बिच में ही होता है। जो की किसी भी साहूकार द्वारा लिए जाने वाले ब्याज से काफी कम होता है।

सुरक्षित

चूँकि बैंकिंग प्रणाली और व्यवस्था पूरी तरह से सरकार के देख-रेख में कार्य करती है। इसी वजह से जालसाजी, ठगी और शोषण जैसी समस्या से ग्राहक बचे रहते हैं और बैंकों से लोन या क़र्ज़ लेने में हिचकिचाते नहीं हैं। बैंक लोन से जुड़ी हर एक प्रक्रिया और इसमें लगने वाले कागजात की सही ढंग से जांच की जाती है। तब जाकर लोन आवंटित की जाती है।

फ्लेक्सिबिलिटी

बैंक से लोन लेने पर, बैंक अपने ग्राहकों को इसे वापस चुकाने के लिए कुछ समय निर्धारित करवाती है। उस अवधी में बैंक अपने द्वारा दिए गए लोन या ऋण को प्रति महीने EMI के रूप में वापस वसूलती है। जो की अपने आप में ग्राहक को काफी बड़ी सहूलियत देता है। यह समय 6 महीने से लेकर 10 या उससे अधिक साल तक का भी हो सकता है।

कर लाभ (Tax Benefit)

उधारकर्ता को सबसे बड़ा लाभ तो टैक्स में छूट से मिलता है। बैंक के लोन पर दी जाने वाली ब्याज आपके आय पर लगने वाली टैक्स से छूट दिलाने में आपकी मदद भी करता है। छोटे उधारकर्ताओं के लिए शायद ये रकम उतने मायने नहीं रखते हों लेकिन बड़े उधारकर्ताओं के लिए कर में छूट मिलने पर रकम में भारी अन्तर देखा जाता है और उनके लिए यह रकम लाख से लेकर करोड़ों तक भी हो सकती है।

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बैंक लोन के नुकसान या कमियां

बैंक लोन से जुड़े संभवित फायदों को तो आपने जान लिया लेकिन इससे जुड़े ऐसे कई सारे नुकसान भी है। जिसकी जानकारी एक आम इंसान को होनी ही चाहिए। बैंक लोन लेने के संभावित नुकसान कुछ इस प्रकार है:

लोन लेना इतना भी आसान नहीं

बैंक लोन किसी भी बैंक से जारी करवाना अभी भी एड़ी-चोंटी की जोड़ लगाने के बराबर है। ये तब तक किसी भी व्यापारी के लिए मुश्किलों भरा काम होता है जब तक की उसके बिज़नेस का रिकॉर्ड अच्छा न हो। बैंक किसी भी प्रकार के लोन जारी करने से पहले, ग्राहक द्वारा जमा किये गए सारे दस्तावेज़ों की जांच बड़ी ही बखूबी से करता है। जब तक बैंक, इस जाँच प्रक्रिया को पूरी नहीं कर लेता, तब तक लोन जारी नहीं किया जाता।

अतिरिक्त पैसों का भुगतान

बैंक से लोन लेने की सबसे बड़ी कमी यही है की उधारकर्ता को किसी भी वस्तु की कीमत उसकी असल कीमत से ज़्यादा चुकानी पड़ती है। उद्धरण के तौर आप इसे ऐसे समझे की किसी घड़ी की कीमत 1000 रूपए है और आपके पास 400 रूपए पहले से मौजूद हैं और बाकी के 600 रूपए आप लोन के रूप में लेना चाहते हो।

तब ऐसी परिस्तिथि में 10 प्रतिशत ब्याज पर आपको 600 उधार तो मिल जाएंगे लेकिन एक साल बाद आपको उस 600 रूपए पर 60 रूपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। इसी कारण आपके द्वारा लिए गए वस्तु आपको कूल 1060 रूपए की पड़ती है, मतलब 60 रूपए का अतिरिक्त भुगतान।

खराब क्रेडिट स्कोर और सुरक्षा जमा

अगर क्रेडिट स्कोर किसी कारणवश खराब हो चूका है और आपके पास सुरक्षा जमा के रूप में कुछ ख़ास संपत्ति भी नहीं है। तब आपको शायद ही कोई बैंक ऋण देने के लिए राज़ी हो। अथवा, ऊपर दिए गए दो चीज़ों में से कोई एक चीज़ की भी कमीं हो तब भी आपको लोन मिलने में समस्या हो सकती है।

रीपेमेंट के मामले में सख्त

बैंक अपने लोन रिकवरी के मामले में काफी शक्त होती है। किसी भी कारणवश अगर आपका एक भी महीना EMI का छूटा तब बैंक द्वारा आपका क्रेडिट स्कोर को कम कर दिया जाता है। बार-बार समय पर EMI नहीं चुकाने के परिस्तिथि में आपका क्रेडिट स्कोर हमेशा के लिए खराब भी किया जा सकता है और फिर भविष्य में आपको किसी तरह की लोन मिलने में काफी ज़्यादा समस्याओं का सामना करना पर सकता है।

प्रोसेसिंग फीस

ज़्यादातर बैंक लोन आवंटित करने के लिए प्रोसेसिंग फीस भी लेते हैं जोकि पहले से परेशान और हतास लोगों के लिए एक बड़ी समस्या उत्त्पन्न करती है। केवल यही नहीं कभी कभी-कभी इन प्रोसेसिंग फीस को लोन के रूप में दिए जा रहे पैसों से कटौती कर ली जाती है। इसलिए लोन आवंटन करवाने से पहले यह अवश्य जान ले की प्रोसेसिंग फी के नाम पर आपको ज़्यादा बेवक़ूफ़ तो नहीं बनाया जा रहा है।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से आपने जाना की बैंक लोन के फायदे और नुकसान क्या हैं? और साथ में आपने इसके प्रकार को भी जाना। लेख से सम्बंधित किसी तरह की कोई सवाल, शिकायत या सुझाव आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद।

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FAQs

Q: बैंक लोन के क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए?

उत्तर: आमतौर पर 650 से 900 के बिच।

Q: बैंक से लोन लेने पर ब्याज कितना देना पड़ता है?

उत्तर: ये बैंक और आपके द्वारा लिए गए लोन पर निर्भर करता है: बैंक के ब्याज दर विभिन्न प्रकार के लोन के लिए सालाना 7% से 24% के बिच हो सकता है।

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