नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम क्या है? ब्याज दर, पात्रता, ट्रांसफर और पूरी जानकारी

जब बात निवेश की अति है तब मौजूदा समय में निवेश करने के हज़ारों तरीके हैं। उन्ही हज़ारो स्कीम में से एक है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, इस स्कीम में पोस्ट ऑफिस के जरिये निवेश किया जा सकता है। अगर बात करें इस स्कीम से जुड़े रिस्क फैक्टर के बारे में तब ये सबसे कम रिस्क होने के साथ ही बहुत सारे अन्य फायदों के साथ उपलब्ध है। जिसकी चर्चा इस लेख में की गयी है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट क्या है?

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक प्रकार का निश्चित आय निवेश से जुड़ी योजना है। इस स्कीम में किसी भी पोस्ट ऑफिस के जरिये निवेश किया जा सकता है। ये स्कीम भारत सरकार द्वारा छोटे से माध्यम वर्गीय लोगों के निवेश से जुड़े उठाये गए क़दमों में से एक है। एक एक प्रकार का बचत बांड है, जिसमे टैक्स से कुछ हद तक राहत मिलती है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में कुछ फिक्स अथवा निश्चित समय काल के लिए ही निवेश किया जा सकता है। इसके अवधी 5 वर्ष होती है। इस स्कीम में निवेश करने की कोई अधिकतम सिमा नहीं होती, आप जितना चाहें इस स्कीम में अपने पैसे निवेश कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये है की केवल 1.5 लाख रूपए तक के निवेश पर ही Section 80C के तहत टैक्स से राहत मिलती है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के प्रकार

वर्तमान समय में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के दो प्रकार हैं:

  1. NSC Issue VIII: इस सर्टिफिकेट के अंतर्गत निवेश करने हेतु Form A, Form 1 या NC-71 भरना पड़ेगा।
  2. NSC Issue IX: इस प्रकार के सर्टिफिकेट की शुरुआत साल 2010 के बाद की गयी थी। इस सर्टिफिकेट में निवेश करने के लिए भी निवेशक को Form A, Form 1 या NC-71 फॉर्म भरने की आवश्यकता होती है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के फायदे और विशेषताएं

  • छोटे निवेश से शुरुआत: इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत ये है की इसमें निवेश करने के लिए आपको मोटी रकम की जरुरत नहीं पड़ती। कम से कम ₹1000 से भी आप इसमें निवेश कर सकते हैं। ₹100, ₹500, ₹1000, ₹5000, और ₹10,000 के स्वरुप में इस स्कीम के तहत निवेश किये जा सकते हैं।
  • ऋण के रूप में इस्तेमाल: बैंकिंग और अन्य बैंकिंग संस्था से आप इस सर्टिफिकेट के बदले ऋण ले सकते हैं।
  • नॉमिनी की सुविधा: इस स्कीम के तहत नॉमिनेशन की सुविधा भी दी जाती है। क्योंकि अगर किसी कारणवश निवेशक की अकाल मृत्यु हो जाए तब इसमें अंकित नॉमिनी को फायदा मिल सके।
  • टैक्स की बचत: इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत ये है की इसमें निवेश करने के पश्चात आपको Section 80C के तहत 1.5 लाख रूपए तक टैक्स बचत की सुविधा मिलती है।
  • कूल अवधी: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की कूल अवधी 5 वर्ष की होती है।
  • अवधि पूरी होने पर एकमुश्त ब्याज समेत जमा पूंजी निकासी: निवेश की अवधी पूरी होने के पश्चात इससे निवेशक को पुरे पैसे एक मुश्त बगैर TDS काटे ही पैसे वापस कर दिए जाते हैं। केवल 1.5 लाख रूपए से अधीक जमा राशि पर टैक्स देनी पड़ती है।
  • अवधी पूरी होने से पहले निकासी: वैसे तो अवधी खत्म होने से पहले इस स्कीम से पैसे निकलना संभव नहीं है। लेकिन अगर किसी कारणवश निवेश की मृत्यु हो जाती है, तब मचौरिटी पूरी होने से पहले भी पैसे निकलना संभव है।
  • निश्चित आय: इस स्कीम के तहत एक निश्चित आय की उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि इसके तहत आपको निश्चित तौर पर 6.8% की चक्रवृद्धि ब्याज मिलती है। जो किसी भी एफडी पर मिलने वाले ब्याज से काफी अधिक है।
  • ब्याज दर: इसपर मिलने वाला ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। वर्तमान समय में इसपर मिलने वाला ब्याज दर 6.8% प्रतिशत का है। प्रत्येक तिमाही में ब्याज दर को सरकार द्वारा अपडेट किया जाता है।
  • चक्रवृद्धि ब्याज(Compound Interest): वर्तमान समय में इस पर मिलने वला ब्याज दर 6.8% का है और ये कोई साधारण ब्याज नहीं बल्कि चक्रवृद्धि ब्याज है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की पात्रता

अगर बात की जाए नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में निवेशकों से जुड़ी पात्रता के बारे में तो वह कुछ इस प्रकार है:

  • निवेशक का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
  • इस स्कीम में निवेश करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
  • किसी माइनर(18 वर्ष से कम उम्र वाले) के उपलक्ष्य में वयस्क द्वारा भी इस स्कीम में निवेश किया जा सकता है।
  • NSC VIII वाले सर्टिफिकेट स्कीम में हिन्दू अविभाजित परिवार और ट्रस्ट द्वारा निवेश नहीं किया जा सकता।
  • NRI इस स्कीम में निवेश करने के पात्र नहीं है।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में लगने वाले दस्तावेज अर्थात डॉक्यूमेंट

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में निवेश करने से पहले एक निवेशक को निम्नलिखित कागजात की जरुरत पड़ती है।

  • NSC फॉर्म, जिसे पोस्ट ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है अथवा इसे ऑनलाइन पोस्ट ऑफिस के वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
  • पासपोर्ट साइज फोटो।
  • निवास प्रमाण पत्र: जैसे बिजली बिल, टेलीफोन बिल, बैंक स्टेटमेंट इत्यादि।
  • पहचान पत्र: आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सीनियर सिटीजन आईडी इत्यादि।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में नॉमिनी कैसे जोड़े?

NSC स्कीम में नॉमिनी केवल दो ही तरीकों से जोड़े जा सकते हैं, पहला तब जब नया आवेदन दिया जा रहा हो और दूसरा तब जब इसे पोस्ट ऑफिस के एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में ट्रांसफर किया जा रहा हो। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में नॉमिनी बदलने के लिए NC-52 फॉर्म भरा जाता है और इसे Form 2 के नाम से भी जाना जाता है।

नॉमिनी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात ये है की इसमें एक से अधिक नॉमिनी को भी जोड़ा जा साथ है, बसर्ते निवेश की रकम काम से कम ₹500 की होनी चाहिए।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट को ट्रांसफर कैसे करें?

NSC को ट्रांसफर करने के लिए निचे दिए फॉर्म को अपने जरूरत के अनुसार भरकर और फिर पोस्ट ऑफिस में जमा करके ट्रांसफर किया जा सकता है।

  • NC-32: अगर NSC को एक पोस्ट ऑफिस से किसी दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर किया जाता है, तब इस फॉर्म को भरने की जरूरत पड़ती है।
  • NC -34: इस फॉर्म को तब भरा जाता है जब सर्टिफिकेट को किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर करना हो।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से अपने जाना की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट क्या होता है? साथ ही आपने इससे जुड़ी अन्य जानकारी जैसे इसके प्रकार, विशेषताएं और पात्रता से जुड़ी जानकारियों को आपने पढ़ा। लेख से सम्बंधित किसी तरह की कोई सुझाव शिकायत या सवाल आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बताएं, धन्यवाद्।

FAQs

Q: NSC में निवेश की न्यूनतम राशि है?

उत्तर: NSC में शुरूआती निवेश करने की न्यूनतम राशि ₹1,000 है। जबकि इसके बाद ₹100 के गुणक में कितनी भी राशि का निवेश किया जा सकता है।

Q: NSC में मचौरिटी कब पूरी होती है?

उत्तर: 5 साल में।

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