बवासीर के लक्षण, प्रकार और बचाव के उपाय | Piles in Hindi

वर्तमान समय में बवासीर अर्थात Piles एक आम बीमारी हो चुकी है। जो इंसान के मल अर्थात गुदा द्वार में होती है। इस लेख में बवासीर क्या है? से लेकर इसके प्रकार, उपाय की जानकारी पाठकों से साझा की गयी है।

बवासीर क्या है? | Piles in Hindi

बवासीर को अंग्रेज़ी में Piles और हेमोरोइड्स के नाम से भी जाना जाता है। बवासीर मुख्य रूप से मलाशय द्वार या गुदा में सूजन के साथ फैली हुई नसे होती हैं। जो खुजली होने के साथ-साथ काफी दर्द देने वाली होती है। ये पुरुषों के साथ साथ महिलाओं को भी हो सकती है।

असली समस्या तो तब शुरू होती है, जब सूजन होनी शुरू होती है। तब जाकर एहसास होता है कि ये बवासीर किस मर्ज़ का नाम है। अगर समय से पहले बवासीर के लक्षणों के बारे में पता चल जाये और ये बीमारी पकड़ में आ जाये। तब समय रहते इसका इलाज करना काफी ज्यादा आसान हो जाता है। जिससे इस बीमारी से छुटकारा भी जल्दी मिलता है।

बवासीर के प्रकार

आगे बढ़ने से पहले आपको बता दूँ, Piles अर्थात बवासीर के दो प्रकार होते हैं। पहला आंतरिक बवासीर और दूसरा बाहरी बवासीर।

  1. आंतरिक बावासीर
  2. बाहरी बवासीर

आंतरिक बवासीर

इसके नाम में ही इसके गुण छिपे हैं। इस तरफ के Piles गुदा नली के अंदर होते हैं। लेकिन अत्यधिक बढ़ जाने के कारण आंतरिक बवासीर कभी-कभी बाहर भी निकल आते हैं।

बाहरी बवासीर

जैसा की आप इसके नाम से अंदाज़ लगा सकते हो। बाहरी बवासीर की समस्या मलाशय अर्थात गुदा के बाहर होती है। ये भी काफी दर्द-दाई होती है। असली समस्या तो तब शुरू होती है, जब गाँठ के अंदर खून का थक्का जमता है।

महिला और पुरुष में बवासीर (Piles) के लक्षण

सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बवासीर है भी है नहीं। आप इसकी पहचान नीचे दिए गए कुछ तरीकों को फ़ॉलो करके कर सकते हो।

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नसों में सूजन आना

निचले गुदा तथा मलाशय द्वार में और उसके आस पास शिराओं में काफी संख्या में नसे मौजूद होती है। जब ये नसे दबाव के साथ सूज जाती है या इनमे उभर आती है। तब आगे चलकर यही बावासीर कहलाती है। बवासीर गुदा के अंदर या फिर बाहर कहीं भी हो सकता है

मल त्याग के समय दर्द होना

अक्सर मल त्याग करने के दौरान Piles से जूझ रहे इंसान को काफी दर्द का एहसास होता है। मल त्याग प्रक्रिया के दौरान जैसे-जैसे दबाव नीचे की ओर बढ़ता है। वैसे-वैसे इस बीमारी से ग्रसित लोगों को न सहने लायक दर्द का एहसास होता है।

शौच में खून का बहाव

बवासीर का सबसे सामान्य लक्षण है, शौच के दौरान खून का निकलना। वो भी तब जब मल त्याग करना हो। बाथरूम के कमोड में खून के कुछ अंश दिखने मामूली बात हैं। इसके अलावा मल द्वार पर खुजली होना, दर्द का एहसास होना भी आम बात है।

गांठ का होना

मल द्वार अथवा गुदा के पास गांठ का होना। जो दिखने में किसी अंगूर की तरह हो सकता है। इसके अलावा ये और भी कई आकार के हो सकते हैं। अगर बात की जाए रंग की तब, इसका रंग गुदा के आसपास के क्षेत्रों के रंग जैसा ही होगा। लेकिन सावधान होने की जरूरत तो तब है, जब इसका रंग गहरा काला, बैगनी या फिर लाल हो जाए। ऐसी परिस्तिथ में जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें और जल्द से जल्द अपना इलाज करवाएं।

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सूजन होना

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा, बावासीर दो तरह के होते हैं पहला जो गूदा के अंदर की तरफ और दूसरा गुदा के बाहर की तरफ। अगर गुदा का बाहरी क्षेत्र सूजा हुआ है अर्थात सूजन है। तब ये इस बात का संकेत है कि ये बाहरी बवासीर है। इसमे असहनीय दर्द का एहसास होना लाजमी भी है। मेडिकल स्टार पर ऐसी कई सारी मलहम मिल जाएगी, जो तत्काल इस सूजन को कम करने में मददगार साबित होगी।

शौच के बाद भी मल त्याग की भावना

आंतरिक बवासीर होने की स्तिथि में बहुत सारे लोगों के ऐसा हित है कि मल त्याग करने के बाद भी ऐसा एहसास होता हो जैसे इन्होंने मल त्याग ही न किया हो। इस प्रकार का एहसास होने काफी लाजमी है, क्योंकि Piles की उभरी हुई नसे, गुदा में मल समान महसूस होती है।

बवासीर से बचने के उपाय

कई सारे अध्यन में ये बातें सामने आई है, की Piles की समस्या ज़्यादातर निम्नलिखित कारणों से शुरू होती है। पहला: अक्सर पेट का खराब रहना और दूसरा: गर्भावस्था के दौरान तीसरा: मल त्याग के दौरान अधिक बल का उपयोग और चौथा: भारी-भरकम वस्तुओं को उठाने पर।

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विशेषज्ञ का ऐसा मानना है कि बवासीर (Piles) का रोकथाम संभव है। अपने जीवन मे थोड़ा सा बदलाव लाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है।

  • मलाशय अर्थात गुदा की साफ अफाई
    मलाशय की साफ सफाई में सूखे टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने के बजाय वाइप्स अर्थात गीले पेपर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा पानी से साफ सफाई करना भी एक अच्छा जरिया है।
  • मल त्याग में ज़्यादा समय न लगाएं
    शौच के दौरान स्मार्टफोन या पेपर पढ़ने जैसी चीजों से दूरी बनाए। ऐसा करने पर आप बेवजह समय भी बर्बाद करोगे और दूसरी तरफ लंबे समय तक बतरूम में बैठे रहने पर मलाशय पर दबाव पड़ेगा और बवासीर जैसी समस्या का कारण बनेगा।
  • गुदा को साफ रखें
    प्रत्येक दिन स्नान के समय आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप अपने गुदा और उसके आस पास के क्षेत्र की भी साफ सफाई कर लें। इसे साफ करने में शुष्म गर्म पानी का इस्तेमाल करना और भी अच्छा रहेगा। इसकी सफाई में साबुन का इस्तेमाल करने से बचें वरना ये खुजली जैसी समस्या का कारण बन सकता है। इसके साथ ही आगे चलकर ये बवासीर का भी कारण बन सकता है।
  • खानपान में फाइबर को शामिल करें
    खानपान में फाइबर की कमी मतलब आंत से जुडी समस्या जो आगे चलकर पाइल्स का रूप लेती है। पाइल्स अर्थात बवासीर को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है, अपने खान-पान में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करना। फल, सब्जियां , आंत ये सब फाइबर के कुछ अच्छे श्रोत हैं।
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  • प्रतिदिन व्यायाम करें
    अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करने से आपकी पाचन और आंत से जुड़ी शारीरिक समस्या शरीर से दूर रहती है। जिसके कारण पाइल्स भी हमारे शरीर से दूरी बनाए रखती है। इसलिए अपने दिनचर्या में व्यायाम को शामिल जरूर करें।
  • मोटापा से दूरी बनाए
    अगर आप मोटापे से ग्रसित हैं, तब इस बात की संभावना भी अधिक है कि आने वाले समय में आपको पाइल्स से सामना करना पड़ सकता है। अपने डॉक्टर से वजन घटाने की चर्चा जरूर करें। खानपान में नियंत्रण रखें। जितना संभव हो फल और सब्जियों का सेवन करें और बाहरी खाने के चीजों से दूरी बनाए।

Disclaimer: यहां दी गयी जानकारी चिकित्षक परामर्श नहीं है, इन्हे इस्तेमाल करने से पहले चिकित्षक से सलाह जरूर लें। इस लेख का एकमात्र उद्देश्य है आपको शिक्षित करना।

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अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से अपने जाना की बवासीर के लक्षण क्या है? साथ ही आपने इससे बचने से संबंधित उपायों को जाना। इस लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई शिकायत, सुझाव या सवाल आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अजरूर बतलायें, धन्यवाद्।

FAQs

Q: बवासीर होने का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर: कब्ज, को बवासीर होने का मुख्य कारण माना गया है।

Q: क्या बवासीर खतरनाक बीमारी है?

उत्तर: वैसे तो ये बीमारी आम है। लेकिन समय रहते इसका इलाज़ करवाना काफी जरुरी है। वरना आगे चलकर ये बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।

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