होमियोपैथी उपचार के फायदे और नुकसान

होमियोपैथी उपचार आमतौर पर सुरक्षित उपचार के लिए काफी जाना जाता है। इस वैकल्पिक चिकित्सा पद्दत्ति को पुरे विश्व में पहचान मिला हुआ है। खासकर भारत में भी होमियोपैथी के उपचार का काफी ज़्यादा चलन है और इसके नतीजे से लोग काफी ज़्यादा संतुष्ट भी हैं। इस उपचार पद्दत्ति का खोज वर्ष 1796 में किया गया था। लोगों का ऐसा मानना है और यह शाबित भी हुआ है की लम्बे समय तक चलने वाले होमियोपैथी के इलाज़ में बीमारियां जड़ से खत्म होती है।

हालांकि कुछ ऐसे भी चिकित्सा संगठन है जो होमियोपैथी के इलाज़ और इसके विचारों से विरोधाभास रखते हैं। इस लेख के माध्यम से आप मोटे तौर पर यही जानेंगे की होमियोपैथी उपचार के क्या फायदे हैं और इसके क्या नुकसान हैं।

होमियोपैथी उपचार के फायदे

आपने कभी न कभी एक वाकया अपनी जिंदगी में अवश्य सुना होगा की “सत्य को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती” और यह बात होमियोपैथी उपचार के तरीकों पर भी लागु होता है। तो देखते है होमियोपैथी उपचार के फायदे क्या-क्या है।

होमियोपैथी उपचार के फायदे और नुकसान
होमियोपैथी उपचार के फायदे और नुकसान विकीहिंदी

1. प्रभावशाली

होमियोपैथी की इलाज तब तक काफी प्रभावशाली होती है, जब तक कोई मरीज़ चिकित्सक द्वारा सुझाये गए दवाओं को लेता है और अपने खान-पान का भी ख्याल रखता है। होमियोपैथी की जब दवाएं ली जाती है तब उसमे सबसे अगर किसी चीज़ का ख्याल रखना पड़ता है तब वह है, आहार। यदि कोई रोगी सही दवा का सेवन करता है और लम्बे समय तक चिकित्सक द्वारा सुझाये गए आहार को लेता है तब इन दवाओं का असर दीर्घकालिक होता है और साथ ही बीमारी से जल्द छुटकारा भी मिलता है।

2. सुरक्षित

होमियोपैथी उपचार का सबसे बड़ा फायदा यही है की इनकी दवाएं काफी सुरक्षित होती है और इन दवाओं का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता। केवल यही नहीं गर्भावस्था के दौरान भी होमियोपैथी उपचार पद्दति को सुरक्षित माना गया है। इन दवाओं का सुरक्षित होने का एक मुख्य कारण यह भी है की इसे तैयार करने में प्राकृतिक घटकों का उपयोग किया जाता है।

3. हर बिमारी का इलाज़

होमियोपैथी उपचार का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है की इसमें लगभग सभी बीमारियों के इलाज़ संभव हैं। अगर किसी बीमारी का इलाज एलोपैथी या अन्य उपचार के माध्यम में उपलब्ध नहीं है, तब आप एक बार होमियोपैथी में इलाज़ के विकल्प अवश्य देखें।

4. दवा की लत नहीं लगती

एलोपैथी उपचार में ऐसा देखा गया है की एक बार जब किसी बीमारी का इलाज़ लम्बे समय तक चलता है तब रोगी के शरीर को उन दवाओं के अनुकूल ढल जाता है। लेकिन होमियोपैथी उपचार में ऐसी कोई समस्या नहीं है आती, बीमारी के खत्म होते ही दवाइयां बंद कर दी जाती है। बाकि अन्य चिकित्सा पद्दत्ति की तुलना में होमियोपैथी दवाओं को छोड़ना काफी आसान होता है।

5. दवाओं का सेवन करना आसान है

जब बात दवाओं के सेवन की आती है तब किसी बच्चे को फुसला-बहलाकर देना काफी कठिन प्रक्रिया होता है। इसलिए आजकल अधिकाँश दवाओं में फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन होमियोपैथी दवाओं के साथ ऐसी कोई समस्या उत्त्पन्न नहीं होती। होमियोपैथी की दवाएं प्राकृतिक रूप से बाकि अन्य दवाओं के तुलना में कड़वी नहीं होती और इसका उपभोग करना बच्चो से बुजुर्गों के लिए काफी आसान होता है।

होमियोपैथी उपचार के नुकसान या कमियां

वर्तमान समय में होमियोपैथी को कई सारे प्रमुख चिकित्सा संस्थान से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। यही इस उपचार के माध्यम का सबसे बड़ी कमी है। हाल के दिनों में होमियोपैथी उपचार के नुकसान कुछ इस प्रकार है।

1. सही नुस्क का पता लगाने में समय लगता है

होमियोपैथी चिकित्सक को सही एवम सटीक बीमारी और उसके नुस्के का पता लगाने की जरूरत पड़ती है और कभी-कभी इसमें काफी समय लग जाता है। नुस्के का पता चलने के बाद दूसरी कठिनाई यह सामने आती है पहले से मौजूद ढेर सारी दवाओं में से किस दवा का उपयोग करना उचित रहेगा।

2. होमियोपैथ चिकित्सक की सिमित संख्या

होमियोपैथ पुरे विश्व में विख्यात है लेकिन आज भी होमियोपैथ चिकित्सक की भारी कमी है पूरी दुनिया में। इसके पीछे का प्रमुख कारण है एलोपैथी उपचार का तेज़ी से बढ़ता चलन। जिसके कारण चिकित्सा के क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे लोगों की रूचि होमियोपैथ में न होकर एलोपैथी की ओर हो रहा है।

3. उपलब्धता

जी हाँ उपलब्धता, इस उपचार माध्यम का सबसे बड़ा कमी माना गया है। हालांकि होमियोपैथी में लगभग सभी बिमारियों का इलाज़ सम्भव है लेकिन फिर भी इसके चिकित्सक और मेडिकल दूकान केवल शहरी क्षेत्र में उपलब्ध है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में आज भी होमियोपैथी के चिकित्सक शायद ही देखने को मिलते हैं।

अगर बात होमियोपैथी दवाई की उपलब्धता की करें तब भले ही इसमें लगभग साडी बिमारियों के दवा का मिश्रण बना पाना सम्भव है, लेकिन आपातकाल की स्तिथि में सही एवं सटीक दवा का मिश्रण तैयार करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

4. वैज्ञानिक साक्ष्य की कमी

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन और NHS जैसी विश्व प्रमुख संस्थाओं से आलोचन मिलना ही होमियोपैथी उपचार का सबसे बड़ा कमी माना गया है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण कारन यह है की आज भी होमियोपैथ उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं के वैज्ञानिक साक्ष्य की कमी है। जिससे यह साबित नहीं हो पाता की कोई दवा किसी भी बीमारी में कितनी कारगर हो सकती है।

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