मारबर्ग वायरस वायरस क्या है? लक्षण और इसके बचाव

मारबर्ग वायरस वायरस क्या है लक्षण और इसके बचाव

कोरोना वायरस का कहर अभी ख़तम नहीं हुआ है की अब एक नए वायरस ने जन्म ले लिया है और वह है मारबर्ग वायरस। जिस तरह से एक के बाद वायरस आती जा रही है, अब तो ऐसा प्रतीत होने लगा है की दुनिया का अगर कभी विनाश हुआ तब उसका एकमात्र कारण होगा वायरस। इस लेख में मारबर्ग वायरस से जुड़ी हर वह जानकारी दने की कोशिश की जाएगी जो आपके लिए जान लेना काफी मायने रखती है।

मारबर्ग वायरस वायरस क्या है लक्षण और इसके बचाव

मारबर्ग वायरस क्या है?

मारबर्ग वायरस एक विषाणुजनित वायरस है जो Hemorrhagic नामक बुखार का कारण बनती है। यह कोई नया वायरस नहीं बल्कि यह इबोला वायरस से ही मिलता जुलता और उसी परिवार से नाता रखने वाला एक वायरस है। यह वायरस इतना घातक है की इससे ग्रषित होने पर लगभग 88 प्रतिशत मरीज़ो की मौत होने की संभावना होती है।

मारबर्ग वायरस और एबोला वायरस को ज़ूनोटिक संक्रमण मन जाता है जिसका अर्थ है जानवरों के जीवन चक्र से यह वायरस मनुष्यों में आता है। लेकिन अभी तक इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं की यह किस जानवर से इंसानो के बिच फैलता है। साथ ही इस बात की भी अभी तक सौ फीसदी तक पुस्टि नहीं हुई है की आखिर यह किस जानवरों से इंसानो में फैलता है। फिर भी कुछ ख़बरों और साथ ही विश्व स्वस्थ्य संगठन की बात माने तब यह अफ्रीकी बंदरों और चमगादड़ों से फैलता है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण क्या हैं?

कोई इंसान मारबर्ग वायरस से ग्रषित है इस बात की जानकारी होने में लगभग 10 दिनों तक का समय लग सकता है। मारबर्ग वायरस के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:

शुरूआती लक्षण

  • सरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • बुखार
  • ठण्ड लग्न लगना

कुछ और लक्षण जो हो सकते हैं

  • साइन और पेट के कुछ हिस्सों में जलन
  • उलटी आना
  • सीने में दर्द
  • गले में खराश
  • पेट में दर्द
  • कुछ लोगों को दश्त के भी शिकायत हो सकते हैं।

गंभीर लक्षण

  • वजन का घटना
  • पीलिया होना
  • अग्नाशय में सूजन होना
  • लिवर का फ़ैल होना, इत्यादि।

इस बीमारी की मृत्यु दर की अगर बात करें तब यह लगभग 24% से 88% के बिच में है। ऊपर दिए लक्षण से आप यह समझ गए होंगे की इसके लक्षण भी कुछ इबोला, मलेरिया और टाइफाइड बुखार जैसे ही हैं। चूँकि इसके लक्षण इबोला वायरस से मिलते जुलते हैं इसलिए मरीज़ों को 21 दिनों तक आइसोलेशन या कहें की एकांत में रखा जाता है, ताकि इसके फैलाओ को वक़्त रहते रोका जा सके।

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मारबर्ग वायरस से कैसे बचें

Marburg Virus से बचने के लिए वर्तमान में नाही को एंटीवायरल दवाई है और नाही इसकी कोई वैक्सीन, इस बिमारी से बचने के लिए अगर कोई चीज़ कारगर है तब वह है सरकार की दिशा-निर्देश और इस बिमारी से जुड़ी जागरूकता। लेकिन फिर भी अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ यह वायरस तेज़ी से फ़ैल रहा हो, तब आप ऐसे हालात में निचे दी गयी जानकारियों का पालन कर खुद का और अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं:

  • मारबर्ग वायरस से ग्रषित लोग या फिर ऐसे किसी अज्ञात बिमारी से ग्रषित मरीज़ों के लार, मूत्र, उलटी, तथा अन्य किसी शारीरिक तरल पदार्थ से दुरी बनाएं।
  • जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें और साथ ही जंगली मांस के सेवन करने से भी दुरी बनाये। खासकर आप इन जंगली जानवरों से दूर रहे: चमगादड़, बन्दर, चिम्पांज़ी, गोरिल्ला इत्यादि।
  • मार्गबर्ग वायरस के लक्षणों के बारे में जाने और यह लक्षण किसी में दिखे तब जल्द-से-जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाएँ।

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अंतिम शब्द

इस लेख में आपने जाना की मारबर्ग वायरस क्या है, इससे कैसे बचें और इस वायरस के लक्षण क्या-क्या हैं. लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई सवाल या मन में शंका हो तब निचे कमेंट कर हमें अवश्य बताएं, धन्यवाद।

FAQs

मारबर्ग वायरस क्या है?

मारबर्ग वायरस एक विषाणुजनित वायरस है जो Hemorrhagic नामक बुखार का कारण बनती है। यह कोई नया वायरस नहीं बल्कि यह इबोला वायरस से ही मिलता जुलता और उसी परिवार से नाता रखने वाला एक वायरस है।