जनसंख्या नियंत्रण क़ानून क्या है और क्यों जरूरी है? उपाय, फायदे, नुकसान

वर्तमान समय में जन्संख्या दुनिया की इतनी बड़ी गंभीर समस्या है की बाकी सभी समस्या का जड़ भी यही बन चुकी है। जैसे प्रदुषण, पानी की समस्या, खाद्य पदार्थों की कमी, महंगाई इत्यादि। यही कारण है की जनसंख्या को लेकर कई सारे देश इससे जुड़े क़ानून बनाने पर मजबूर है। भारत भी इस मामले में दुनिया के साथ हाथ में हाथ मिलाकर काम करने के लिए उत्सुक है।

लेकिन आखिर ये जनसंख्या नियंत्रण कानून है क्या? और क्यों जरूरी है, साथ ही इसके क्या फायदे हैं? और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं। लगभग ऐसे ही कई सारे सवालों के जवाब आपको इस लेख के माध्यम से मिलेंगे।

जनसंख्या नियंत्रण क़ानून क्या है?

जनसंख्या नियंत्रण कानून किसी भी देश में वहाँ की बढ़ती जनसंख्या दर को कम करने या रोकने क एक जरिया है। जिसके तहत देश की सरकार अपने नागरिकों के लिए बच्चे पैदा करने से जुड़ा क़ानून लेकर अति है और उस कानून को किसी भी हालात में तोड़ने पर कानूनी रूप से सजा दी जाती है।

जनसंख्या नियंत्रण क़ानून क्या है और क्यों जरूरी है उपाय, फायदे, नुकसान
जनसंख्या नियंत्रण क़ानून क्या है और क्यों जरूरी है उपाय, फायदे, नुकसान

जैसा की भारत चीन की जनसंख्या को 2045 तक पर कर चुकी होगी, तो इसी रफतार को और कम करने के लिए भारत की वर्तमान सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण बिल के अंतर्गत ही दो बच्चों की पॉलिसी के ड्राफ्ट को सामने लेकर आई थी। वर्ष 2019 में इसे राज्यसभा के नामित सदस्य राकेश सिन्हा जी द्वारा पेश भी किया गया और इस पर राज्यसभा के लगभग 125 साध्यों ने हस्ताक्षर भी कर दिया है। लेकिन अब भी इस बिल को कानून में बदलने का इंतज़ार है।

भारत को जनसंख्या नियंत्रण क़ानून की जरुरत क्यों पड़ी?

हमारी पृत्वी पर मौजूद लगभग सभी जरूरी संसाधन काफी सिमित मात्रा में उपलब्ध है। लेकिन दिन-प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या के कारण कहीं न कहीं प्रत्यक्ष रूप से दबाव अगर देखा जाये तब वो इन संसाधनों पर ही हो रहा है। जरुरत की चीज़ें महँगी होती जा रही है। प्रदुषण और ग्रीन हाउस गैसें अधिकाधिक मात्रा में बढ़ रही है। जिसके कारण भिन्न-भिन्न और जानलेवा रोग उतपन्न हो रही है। इन्ही सब संसाधनों के बीच बेहतर संतुलन बनाये रखने के लिए भारत ही किसी भी देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरुरत पड़ेगी।

अगर बात की जाए भारत की तब यह देश क्षेत्रफल की दृस्टि से भले ही दुनिया में सातवें स्थान पर हो लेकिन जनसंख्या के मामले में यह दुनिया में दुसरे स्थान पर है। इसके अलावा जनसंख्या वृद्धि दर के मामले में यह चीन से काफी तेज़ है और ऐसी उम्मीद जाती जा रही है की 2045 के अंत तक जनसंख्या के मामले में भारत चीन को काफी पीछे छोड़ देगा। जिससे देश में मौजूद सिमित संसाधों पर काफी तेज़ी से दबाव पड़ेगा। भविष्य में ऐसी समस्या सामने न आये इसलिए भरत सरकार जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लाना चाहती है।

जनसंख्या नियंत्रित करने के उपाय क्या हैं?

जनसंख्या को नियंत्रित करने के पांच तरीके कुछ इस प्रकार हैं:

  • महिलाओं को शशक्त बनाया जाये।
  • परिवार नियोजन को बढ़ावा दी जानी चाहिए।
  • परिवार नियोजन जैसी जनसंख्या नियंत्रण योजनाओं से जुड़ने पर सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाये। जिससे बाकि समाज की महिलायें और परिवार भी प्रेरित हो सकें।
  • महिलाओं और बेटियों की शिक्षा व्यवस्था पर जोड़ दी जाए और शिक्षा व्यवस्ता को उबाऊ न बनाकर कर मनोरंजक बनाया जाये।
  • चीन की राह पर चलते हुए एक या दो बच्चों की निति को सरकार द्वारा अपनानी और लागू करवानी चाहिए।

जनसंख्या नियंत्रण के फायदे

अगर कोई देश जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े कानून को लागू करता है तब उन्हें कुछ इस प्रकार फायदे होंगे:

  • जनसंख्या विस्फोट पर लगाम लगेगा।
  • संसाधनों की कमी से जुडी समस्याओं में कमी आएगी।
  • प्रकृति का दोहन कम होगा।
  • प्राकृतिक संसाधनो की सुरक्षा हो सकेगी।
  • काफी हद तक ग्लोबल वार्मिंग और वैश्विक प्रदुषण से राहत मिल सकेगी।
  • महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ सम्बन्धी सेवाएं बेहतर होगी।
  • महिलाओं की पारम्परिक भूमिका में काफी बदलाव आएँगे।
  • पृथ्वी की स्थिरता सुनिश्चित हो सकेगी।
  • गरीबी कम होगी।

जनसंख्या नियंत्रण के नुकसान

जनसंख्या नियंत्रण के तो कई सारे फायदे हैं लेकिन इसके कई सारे नुकसान या कहें इसे लागु करने के बाद कई साड़ी समस्याओं के सामना भी करना पड़ सकता है। जैसे:

  • लोगों की स्वतंत्रता और उनके मानवाधिकारों से संक्षेप हो सकता है।
  • देश के राज्यों के बीच जनसंख्या संरचना पर काफी असर पड़ेगा और इनके बिच अंतर बढ़ेंगे।
  • अनुवांशिक विविधता में काफी कमी आएगा।
  • वैश्विक समझौता होने पर ही ये ज़्यादा फायदेमंद होगा वरना नहीं।
  • अनाथों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
  • गर्भात की दर बढ़ सकती है।
  • प्रवासियों की संख्या में वृद्धि होगी।
  • किसी एक ही पीढ़ी पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
  • अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से आपने जाना की जनसंख्या नियंत्रण क़ानून क्या है? साथ ही आपने इसके उपाय, फायदे, नुकसान और यह क्यों जरूरी है? इस बारे में भी जाना। इस लेख से सम्बंधित किसी तरह की कोई सवाल, शिकायत या सुझाव आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद।

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