अपनी प्रतिभा अथवा टैलेंट को कैसे पहचाने? आसान तरीका

आपके नाक तो है लेकिन आप अपनी नाकों को स्वयं देख नहीं सकते, इंसान के अंदर प्रतिभा भी ऐसी ही चीज़ है जिसे वो खुद देख तो नहीं सकता पर अहसास जरूर कर सकता है। मानवीय सोच है ही ऐसी की लोगों को अपनी खुद की अवधारणा भी काफी जटिल लगती है। जिसके कारण हम अपने अंदर मौजूद प्रतिभा को नहीं पहचान पाते। अकसर इंसान के अंदर मौजूद प्रतिभा की जानकारी उसे ऐसे हालातों में होती है, जिसकी वो कभी कल्पना भी नहीं कर सकता।

अब ऐसे किसी भी हालात का इंतज़ार में बैठे रहना को ठीक नहीं है। इसलिए इस लेख के माध्यम से आप यह जान पाएंगे और खुद की मदद कर पाएंगे की आप अपने अंदर की प्रतिभा को किस तरह से पहचान कर सकते हैं और इसे बाहर दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।

अपनी प्रतिभा अथवा टैलेंट को कैसे पहचाने आसान तरीका
अपनी प्रतिभा अथवा टैलेंट को कैसे पहचाने आसान तरीका

1. आत्मचिंतन

आत्मचिंतन का सीधा सा अर्थ होता है खुद के बारे में एकांत बैठकर सोचना। आत्मचिंतन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये आप अपनी सोच और अपनी मन का परिक्षण करते हैं। यह कई मायनो में आपके अंदर छिपी प्रतिभा को उजागर करने में आपकी मदद करता है।

  • अपने दिमाग को आत्मचिंतन के लिए तैयार करें: इस शब्द का सरल सा अर्थ यही है की जब आप आत्मचिंतन करने बैठे तो किसी एक दिशा अर्थात किसी एक विषय पर सोचने के बजाय ज़्यादा से ज़्यादा विषयों पर सोचें। क्या पता किस स्वरुप में और किस आकार में आपको आपके अंदर की प्रतिभा आपके समक्ष प्रस्तुत हो जाए।
  • अपने भूतकाल में झांके: अपने अंदर की प्रतिभा का अगर आपको तलाश है तो सबसे पहले आपको अपने भूतकाल में जाकर इसकी शुरुआत करनी चाहिए। आप इस दौरान उन चीज़ों पर गौर फरमाएं जिसे आपने अपने अतीत में किया और खासकर उस चीज़ पर गौर करें जिसे करने पर आपको ख़ुशी मिली थी। अंत में खुद से एक सवाल करें की “मैंने ऐसा क्या किया था जिसपर मुझे गर्व हुआ था और सबसे ज़्यादा ख़ुशी मिली थी?”
  • उन चीज़ों के बारे सोचें जिसमे आपको अत्यंत ख़ुशी मिली थी: अक्सर यह देखा गया है की किसी इंसान की प्रतिभा उन्ही चीज़ों में छिपी होती है जिसे करने उसे अत्यधिक आनंद की तृप्ति महसूस होती है। इसके साथ ही आप उन कार्यों की सूचि तैयार करें जिससे आपको प्यार है। क्या आपके द्वारा किये गए किसी भी कार्य की लोगों ने सरहाना की है? ये सवाल खुद से पूछें और इसे भी सूची में शामिल करें।
  • उन पलों को याद करें जब आप सफल हुए थे: आत्मचिंतन में आप उन पलों को अवश्य शामिल करें और उसे दुबारा अनुभव करने की कोशिश करें की आखिर पिछली बार आप कब किसी काम में सफल हुए थे। यह भी एक संकेत की तरह काम करेगा की आपको किस कार्य में महारत हासिल है।
  • स्वयं का मूल्यांकन करें: अगर आपने आत्मचिंतन के पश्चात उस सभी चीज़ों की एक सूची तैयार कर ली है, तब यह आपको तय करना है की इनमे ऐसी कौन सी चीज़ जिसमे आपको सबसे ज्यादा रूचि और लगाव है। ये सब आपको बताने के लिए आपके पड़ोसी या आपके दोस्त मदद नहीं कर सकते, इसके लिए आपको खुद का मूल्यांकन करना पड़ेगा। मूल्यांकन करने के पश्चात आपको आपके अंदर की प्रतिभा का एक झलक यहां अवश्य मिलेगा।
  • अपने जीवन की आत्मकथा को लिखें: कुछ लोगों को अपनी आत्मकथा किसी डायरी में लिखना शायद पसंद न हो। लेकिन अगर आप अपनी आत्मकथा को अपनी हाथों से डायरी में लिखेंगे तब आपको अपने अंदर छिपे प्रतिभा का तो ज्ञात होगा ही, साथ ही इस दौरान आपके कुछ ऐसे प्रतिभा भी सामने उभर कर आएँगे जिसपर अगर आप काम करें तो शहयाद इससे कुछ बेहतर आपके लिए शाबित हो।

2. खुलकर जीवन का अनुभव लें

जिंदगी को खुलकर जीना भी एक तरीका है जिसके जरिये आप अपने प्रतिभा को पहचान सकते हैं।

  • नयी-नयी चीज़ों को मौका दें: जिंदगी को नयी-नयी चीज़ों में मौका देने का सीधा सा अर्थ है की आप ज्यादा से ज्यादा चीज़ों को करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे फायदा ये होगा की की तो ऐसी चीज़ होगी ही जिसमे आपका मन लग जाए और वही आपकी प्रतिभा के रूप में सामने निकल कर आये।
  • खुद को समय दें: हमेशा दूसरों के लिए मौजूद रहना अभी के समय में बेवकूफी मानी जाती है। हमेशा कोशिश करें की आप दिन के कम से कम 1 घंटा खुद के लिए निकाले अर्थात खुद को समय दें। खुद के लिए निकाले गए समय में अपने ऑफिस या घर के किसी भी काम को करने के बजाय उस काम को करें जिसमे आपको थोड़ा सा रुचि हो ताकि लगातार म्हणत करते रहने पर वही आपके लिए प्रतिभा के रूप में सामने आये।
  • उन कामों को भी करें जिसे आपने कभी न किया हो: अगर आपको भी अक्सर ऐसा लगता है की “ये काम नहीं कर सकते”, तो आज और बल्कि अभी ही आपको अपनी सोच बदल देनी चाहिए ऐसी मानसिकता के कारण आप खुद की ताकत और कमियों को कभी पहचान ही पाएंगे। ये जाहिर सी बात है जब आपको अपनी ताकत और कमियों का पता ही न हो तब आप एपीआई प्रतिभा को कैसे पहचानेंगे?
  • पहले से मौजूद प्रतिभा को और चमकाएं: आपने यह कहावत सुनी होगी की हिरे की असली चमक उसी में छिपी होती बसर्ते उसे सही से घिसा और तरसा गया हो। ये बात आप पर भी उतनी ही लागु होती है, अगर आप पहले से प्रतिभावान हो तब उसपर घमंड करने के बजाय उसे और निखारें।

अंतिम शब्द

इस लेख में आपने जाना की आप अपनी प्रतिभा अथवा टैलेंट की पहचान कैसे कर सकते हैं? लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई शंका या सवाल आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद्।

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