वकील कैसे बने? इसके फायदे और नुकसान

वकील और वकालत एक ऐसा शब्द जिसकी जरूरत इंसान को अपने जीवन के हर एक मोड़ पर पड़ती है चाहे वो कानूनी रूप से हो या गैर कानूनी रूप में। इस लेख के माध्यम से आप कानून के लिए काम करने वाले वकील और वकालत के बारे में जानोगे। वकालत का साधारण सा अर्थ होता है: एक ऐसा इंसान जो आपको और आपके विचारों समझता हो और आपको पूर्ण रूप से सहयोग करने के साथ-साथ आपको सही गलत के मायने बताता हो।

जब बात वकालत की आती है तब किसी के भी दिमाग में सबसे पहला ख्याल आता है की लोग वकील कैसे बनते हैं? और वकालत कैसे करते हैं? इसके अलावा वकील बनने के लिए क्या पढाई करनी पड़ती है और साथ ही इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं? इसके अलावा और भी कई सारे सवाल होंगे जो आपके मन में अवश्य आते होंगे। इस लेख आपको ऐसे ही कई सारे सवालों के जवाब मिलेंगे।

वकालत (Lawyer) क्या है?

वकील या अधिवक्ता के बारे में आगे बढ़ने से पहले यह जान लेना जरुरी है की वकालत क्या है? वकालत के जरिये यह सुनिश्चित होता है की समाज के हर वर्ग और समुदाय के लोगों को क़ानून के नज़र बराबरी से देखा जाए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाता है की लोगों के अधिकार और उनकी आवाज़ को किसी कारण दबाया न जा सके।

वकील कैसे बने इसके फायदे और नुकसान
वकील कैसे बने इसके फायदे और नुकसान

वकील कौन होता है और क्या करता है?

वकील एक ऐसा पेशेवर इंसान होता है, जो लोगों के मुद्दे को न्यायतंत्र के सामने सार्वजनिक रूप से उठाता है। वकील किसी भी देश में चल रहे क़ानून व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में काफी अहम् योगदान देता है। अपनी वकालत की पढ़ाई के बदौलत ये कानूनी दांव-पेंच का इस्तेमाल करते हुए लोगों को न्यायिक प्रकिया में कानूनी रूप से मदद करता है।

अपने तर्क और सच्चाई के बदौलत किसी भी पीड़ित व्यक्ति को न्यायधीश के समक्ष पेश कर उसे न्याय दिलाने की जिम्मेवारी भी लेता है। वकील या कहें अधिवक्ता ये ऐसे शक्श होते हैं, जिन्हे न्यायलय के अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है।

वकील कैसे बने?

भारत देश में वकालत करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कानून की पढाई में स्नातक की डिग्री हासिल करनी पड़ती है। इस डिग्री को आमतौर पर B.A. L.L.B के नाम से भी जाना जाता है। लॉ में मिलने वाली यह डिग्री 3 और 5 वर्ष के फॉर्मेट में होती है। इसके अलावा केवल पढ़ाई कर लेने मात्रा से ही कोई वकील नहीं बन जाता, आपको इसके लिए कई और अन्य प्रक्रिया से भी गुज़रना पड़ता है जो कुछ इस प्रकार है।

पहला पड़ाव: B.A L.L.B की डिग्री

3 साल BA LLB की कोर्स

अगर आपने किसी भी अन्य विषय में स्नातक प्राप्त क्र लिया है और आपने कम से कम अपने स्नातक की डिग्री में 50 प्रतिशत का अंक हाशिल कर लिया है। तब आप इस 3 वर्ष वाले कोर्स में अपना दाखिला करवा सकते हो।

5 साल का BA LLB की कोर्स

अगर आपने अभी तक स्नातक की डिग्री के लिए कॉलेज में दाखिला नहीं लिया है और आप अभी भी 12वी या उससे निचे की कक्षा में पढ़ाई कर रहे हो, तथा भविष्य में आपने वकालत करने की सोची है। तब आप अपनी 12वीं की पढाई पूरी करने के बाद देश में CLAT नामक आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के माध्यम से आप BA LLB की पांच वर्ष की पढ़ाई किसी बड़े शैक्षणिक संस्थान से कर सकते हो।

दूसरा पड़ाव: स्टेट बार कॉउन्सिल

वकालत करने की प्रक्रिया में यह काफी अहम् माना जाता है, इसके लिए आपको देश के किसी भी स्टेट बार कॉउन्सिल में अपना नामांकन करवाना पड़ेगा। ये बार कॉउन्सिल Advocate Act 1961 के तहत विनियम होती है। प्रत्येक राज्य की अपनी एक अलग नामांकन प्रक्रिया होती है। एक बार इसमें नामांकन मिल जाने के बाद उसे अगले पड़ाव या कहें एक नए परीक्षा के लिए तैयार होने की जरूरत पड़ती है, जिसे All India Bar Examination के नाम से जाना जाता है।

इस परीक्षा में आपकी बौद्धिक क्षमता, कानून और वकालत से जुड़ी कुछ अहम् और अन्य क्षमताओं का आकलन किया जाता है। इस परीक्षा को पास करने के पश्चात ही आपको कोर्ट में एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस करने की सर्टिफिकेट दी जाती है।

वकील बनने के मानदंड

कोई भी व्यक्ति वकील बनने के लिए तभी योग्य होता है, जब वो निचे दिए गए शर्तों को पूरा करता हो:

  1. भारत का नागरिक होना आवश्यक है। यह ध्यान रखने वाली बात यह है की कोई विदेशी भारत में भी अपनी वकालत की प्रैक्टिस कर सकता है बसर्ते उस देश में भी किसी भारतीय को वकालत का प्रैक्टिस करने की छूट मिली हुई हो।
  2. कम से कम आपकी उम्र 21 वर्ष तो होनी ही चाहिए।
  3. लॉ में स्नातक की पढ़ाई पूरी हुई होनी चाहिए।
  4. भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 के तहत आपके द्वारा स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना अनिवार्य है और साथ ही आपको स्टेट बार में नामांकन की फीस भी चुकानी पड़ेगी।

वकील बनने के फायदे

ये फर्क नहीं पड़ता की आप किस क्षेत्र में वकालत करने की सोच रहे हो। लेकिन इस पेशे में आने के कई सारे फायदे हैं। इस पेशे से जुड़े लाभ को जान लेने पर आप खुद से निर्धारित कर पाओगे की आपको इस पेशे में आना चाहिए या फिर नहीं। वकील बनने के फायदे अर्थात इसके लाभ कुछ इस प्रकार हैं:

1. रुतबा बढ़ता है

वकालत एक ऐसा पेशा है, जिसमे आप कहीं न कहीं समाज के जड़ों से जुड़ कर अपने समाज को बेहतर और इसमें हो रही बुराइयों को कम करने में परोक्ष या अपरोक्ष रूप से योगदान करते हो। इस पेशे से जुड़ने पर लोगों के साथ हो रही किसी भी प्रकार की बुराइओं के खिलाफ आपको आवाज़ उठाने और लड़ने का मौका मिलता है। इस संसार में सबसे बड़ी खुसी लोगों की सेवा करना माना गया है और ये एक ऐसा पेशा है जिसमे आप अपने काम की बदौलत ऐसी खुशियां प्रतिदिन महसूस करते हो।

2. विविध करियर विकल्प

एक वकील के तौर पर आपके पास करियर चुनने कई सारे विकल्प होते हैं। निजी क्षेत्र के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने का एक बेहतरीन विकल्प वकीलों के पास उपलब्ध होती है। एक बार बार कॉउन्सिल की परीक्षा को पास कर लेते हैं। तब आप अपने स्थानीय समुदायों के लिए और अपने शहर वासियों के लिए वकालत कर सकते हैं।

केवल यही नहीं अगर आप सार्वजनिक क्षेत्र में काम करना नहीं चाहते तब आप बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए एक कॉर्पोरेट वकील के रूप में भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।

3. व्यवसाय शुरू करने का विकल्प

अगर आप किसी सार्वजनिक क्षेत्र अथवा निजी क्षेत्र में काम करके थक जाओ और भविष्य में अपना व्यवसाय की शुरुआत करने की सोच रखते हो। तब वकालत की पढाई आपके इन जरूरतों को पूरा करने में कारगर शाबित हो सकता है।

खुद का व्यवसाय होने पर आपके पास इसे अपने ढंग से चलाने की पूरी आज़ादी रहेगी। उदाहरण के तौर पर: अगर आप एक साथ कई सारे मुवक़्क़िल के साथ काम करना चाहते हो तब ये भी संभव है और अगर आप लम्बे समय तक किसी एक ही मुवक़्क़िल के साथ काम करना चाहते हो तब भी ये संभव है।

4. अच्छे आय का जरिया

कहीं न कहीं लोगों के मन में सबसे पहला ख्याल किसी भी करियर का चुनाव करने से पहले यही आता है की इसमें आय कितना होगा? तब आपको बता दूँ की शुरूआती दिनों में आय थोड़ी कम हो सकती है। लेकिन जैसे-जैसे आपका अनुभव इस क्षेत्र में बढ़ता जाएगा, वैसे ही आपके आय का भी श्रोत बढ़ता जाएगा और आप अच्छी खासी कमाई कर सकोगे।

5. व्यक्तिगय कौशल विकास

एक वकील के रूप में काम करने पर आपके पास ऐसे कई सारे विकल्प उभर कर सामने आएंगे जिसमे आप अपने अंदर नयी प्रकार की स्किल को पाएंगे। इसी स्किल के जरिये आप चाहे तो किसी दूसरे करियर का चुनाव भी आगे चलकर कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर: अगर आप रियल स्टेट पेशे में एक वकील के रूप में काम कर रहे हैं। तब आप के अंदर मोल-भाव करने की स्किल खुद ही आ जाएगी। केवल यही नहीं आप रियल स्टेट के बिज़नेस को कैसे चलाया जाता हैं इसे भी आप समझ जाओगे और आगे चलकर वकालत को छोड़कर रियल स्टेट में भी आप अपना करियर बना पाओगे।

6. बौद्धिक क्षमता विकास

पेशे से वकील होना कोई मामूली बात नहीं है। इसमें ऐसी कई सारी समस्याऐं आपके सामने आएँगी जो चुनौतीपूर्ण होगी। यही चुनौतियाँ आपके बौद्धिक विकास के साथ किसी भी बड़ी-से-बड़ी समस्याओं को झेलने की शक्ति आपके अंदर पैदा करेगी।

7. काम में लचीलापन

इस बात की संभावना काफी ज़्यादा है की आपके आस-पास कई ऐसे वकील मिलेंगे, जो अक्सर अपने कामों में व्यस्त रहते हो। लेकिन अगर आप किसी बड़े प्रतिष्ठान के लिए काम करते हो तब पास ऐसी व्यस्तता नहीं रहेगी। यहाँ तक की ऐसे कई सारे प्रतिष्ठान तो अब घर से काम (Work From Home) करने की आज़ादी अपने कर्मचारियों को देते हैं। केवल यही नहीं ऐसे प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों को तो पेड छुट्टियां भी देती हैं।

8. दूसरों की मदद करने की क्षमता

वकील के रूप में काम करने पर आपके पास तो अपनी परिवार की जिम्मेदारियां तो होती ही है। साथ ही आपके पास किसी व्यवसाय की भी जिम्मेदारियां होती ही और तो और आपके ऊपर समाज के प्रति भी कुछ जिम्मेदारियां खुद ही आ जाती है। वकालत एक ऐसा पेशा जिसका काम ही हर जगह हर वक़्त लोगों की मदद करना।

लोगों को कानूनी सलाह देना और उनके मुश्किलों में अपना समझ कर समाज के लिए काम करना। इस तरह से कई मायनो में आपके अंदर लोगों की सेवा करने की भावना जागृत हो जाती है। जिससे आप भावनात्मक रूप से काफी मजबूत हो जाते हैं।

वकील बनने के नुकसान

वैसे तो पेशे के रूप में वकालत एक प्रतिश्ठित पेशा है लेकिन काफी चुनौतियों से भरा है। जैसा की आपने ऊपर पढ़ा की वकील बनने के क्या फायदे हैं? तो वहीं इस क्षेत्र में ऐसे कई सारे संभावित चुनौतियाँ भी हैं। जिसकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए।

इससे जुड़े संभावित कमियां अथवा नुकसान को जान लेने के बाद आप खुद ही फैसला करें की क्या आप एक वकील के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते हैं?

1. तनावपूर्ण ज़िन्दगी

वकालत के पेशे में समय की काफी ज़्यादा पाबंधी होती है। किसी भी केश में निर्धारित तिथि पर जज के सामने अपने मुवक़्क़िल के तरफ से पेश होना ही सबसे अहम् होता है। कभी-कभी समय की ऐसी पाबंधी होने के कारण जीवन बड़ा ही तनावपूर्ण हो जाता है।

2. अतिरिक्त कार्यभार

कभी-कभी समय सारणी थोड़ा लचीला हो तब भी ऐसे हालात उत्पन्न हो ही जाएंगे, जिसमे आपको अपने दिनचर्या को तोड़कर अतिरिक्त कामों का बोझ झेलना पड़ सकता है। ऐसे हालात का सामना ज़्यदातर नए वकीलों को करना पड़ता है।

3. क्लाइंट की कमीं

वर्तमान समय में डिजिटल मीडिया के बढ़ते उपयोग के कारण अब ऐसी कई साड़ी सेल्फ सर्विस वेबसाइट उपलब्ध हो चुके हैं। जो लोगों को मुफ्त में कानूनी जानकारियां मुहैया करवाते हैं। कई दफा तो ऐसा भी देखा गया है की मुवक़्क़िल आपसे सलाह-मस्वरा तो कर लेंगे। लेकिन जब बात केस लड़ने की आती है, तब वो ऐसे ही किसी सेल्फ सर्विस की सेवा लेना बेहतर समझते हैं।

4. ग्राहकों के बिच जागरूकता

डिजिटल मीडिया के इस युग में कानूनी सलाह-मशवरा या इससे जुड़े मदद करने पर लगने वाली कीमतों की जानकारी अब सभी के पास है। समाज में ऐसी जागरूकता बढे, ये एक बेहतर समाज की स्थापना करने में सहायक होता है, लेकिन इसकी कीमत कहीं न कहीं वकीलों को ही अदा करनी पड़ती है।

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5. आपके व्यक्तित्व पर नकारात्मक असर

वकालत के पेशे में ऐसे कई सारे केस आपके पास आएंगे, जो सीधे तौर पर आपके व्यक्तित्व पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। कई बार हालात ऐसे भी उत्पन्न होंगे जब आप केस तो जीत जाएंगे लेकिन फिर भी आपकी छवि और व्यक्तित्व ख़राब होने का खतरा बना ही रहता है।

6. जीवन भर पढ़ाई

अगर आपको पढ़ाई-लिखाई में ज़्यादा रूचि नहीं है। तब ये पेशा आपके लिए बिल्कुल भी नहीं है। क्योंकि वकीलों का पेशा है की न चाहते हुए भी इन्हे नए पुराने सभी कानूनों की जानकारी से खुद को अपडेट रखना पड़ता है। बगैर अपडेट के इनकी दाल-रोटी चलनी असंभव है। बगैर पूरी जानकारी के ये अपने किसी भी बात को कोर्ट में तथ्यों के पेश ही नहीं कर सकते।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से आपने जाना की वकील कैसे बने? और साथ ही आपने इससे जुड़े फायदे और नुकसान को भी जाना। इस लेख से सम्बंधित किसी तरह की कोई सवाल, शिकायत या सुझाव आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बताएं, धन्यवाद।

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4 thoughts on “वकील कैसे बने? इसके फायदे और नुकसान”

    • ये तो आपके ऊपर निर्भर करता है की आप किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, इसके अलावा ये इस बात पर भी निर्भर करता है की भविष्य में आपके क्या उद्देश्य हैं?

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