स्मार्टफोन हो या फिर कंप्यूटर हर एक जगह सॉफ्टवेयर नामक एक शब्द सुनने को मिलता है। जो कंप्यूटर के क्षेत्र से जुड़ाव रखते हैं तब उन्हें सॉफ्टवेयर की जानकारी होगी ही, लेकिन वैसे लोग जो इस क्षेत्र से जुड़ाव नहीं रखते उन्हें शायद ही इस बात की जानकारी हो की सॉफ्टवेयर क्या होता है? और इसके कितने प्रकार होते हैं।

सॉफ्टवेयर क्या होता है?
सॉफ्टवेयर, प्रोग्रामर द्वारा लिखा गया प्रोग्राम्स का एक समूह होता है, जिसकी समझ केवल कंप्यूटर और उस प्रोग्राम को लिखने वाले प्रोग्रामर की होती है। सॉफ्टवेयर का मुख्य काम है कंप्यूटर में किसी भी डाटा को यूजर द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए उस डाटा को प्रोसेस करना।
सॉफ्टवेयर के प्रकार
सॉफ्टवेयर के दो प्रकार हैं, और वह कुछ इस प्रकार है:
- सिस्टम सॉफ्टवेयर
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
सिस्टम सॉफ्टवेयर
वैसे सॉफ्टवेयर जो सीधे तौर पर कम्यूटर के हार्डवेयर को संचालित करता है और कंप्यूटर में इनस्टॉल किये गए अन्य सॉफ्टवेयर को चलाने में कंप्यूटर के हार्डवेयर की मदद करता है, वो सिस्टम सॉफ्टवेयर कहलाता है। आसान भाषा में अगर हम कहें तब सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में स्तिथ हार्डवेयर और इससे जुड़े बाकि कॉम्पोनेन्ट जैसे मॉनिटर, माउस, स्पीकर इत्यादि के बिच मध्यस्तता के रूप में अपना योगदान देता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर की विशेषताएं
- सिस्टम सॉफ्टवेयर को लौ लेवल लैंग्वेज में लिखा जाता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर सीधे तौर पर कंप्यूटर के हार्डवेयर को ऑपरेट करता है।
- किसी आम इंसान के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर को डिज़ाइन करना और इसमें प्रोग्राम लिखना थोड़ा मुश्किल होता है।
- बाकि सॉफ्टवेयर की तुलना में सिस्टम सॉफ्टवेयर स्पीड के मामले में काफी तेज़ होता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर का एक्सेस एक आम कंप्यूटर यूजर के लिए नहीं होता है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर को बनने में मशीन लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार
सिस्टम सॉफ्टवेयर के तीन प्रकार हैं और वह कुछ इस प्रकार हैं:
- ऑपरेटिंग सिस्टम
- लैंग्वेज प्रोसेसर
- डिवाइस ड्राइवर
ऑपरेटिंग सिस्टम
कंप्यूटर का सबसे मुख्य प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम होता है और बाकी सारे सॉफ्टवेयर चाहे वो किसी भी प्रकार के क्यों न हो बगैर ऑपरेटिंग सिस्टम के वह किसी काम का नहीं होता। जब कंप्यूटर को चालु किया जाता है तब सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर ही लोड होता है। ऑपेरिटंग सिस्टम का काम है CPU, मेमोरी, और बाकी सरे अन्य हार्डवेयर को मैनेज करना।
ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं: Microsoft Windows, Linux, UNIX, Apple Mac OS इत्यादि।
लैंग्वेज प्रोसेसर
जैसा की हम सभी जानते हैं की सिस्टम सॉफ्टवेयर किसी भी इंसानी भाषा को मशीनी भाषा में और मशीनी भाषा को इंसानी भाषा में बदलता है। सिस्टम सॉफ्टवेयर इस काम को करता है लैंग्वेज प्रोसेसर के बदौलत। केवल यही नहीं लैंग्वेज प्रोसेसर किसी भी हाई लेवल लैंग्वेज अर्थात हाई लेवल लैंग्वेज में लिखी गयी कोडिंग को भी मशीनी भाषा में बदलने के लिए ज़िम्मेवार होता है।
हाई लेवल लैंग्वेज के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं: Java, C ++, Python इत्यादि।
डिवाइस ड्राइवर
इसका काम बिल्कुल इसके नाम के ही अनुरूप है। डिवाइस ड्राइवर भी कुछ प्रोग्राम्स का ही समूह होता है जो कंप्यूटर से जुड़े हुए डिवाइस को नियंत्रित करते हैं। जैसे प्रिंटर, माउस, कीबोर्ड, जॉय स्टिक जैसे लगभग सभी डिवाइस के लिए डिवाइस ड्राइवर की जरूरत पड़ती है। क्यूंकि इसके बिना आपके कंप्यूटर इनस्टॉल किये गए ऑपरेटिंग सिस्टम को यह समझ ही नहीं आने वाला की आखिर इस डिवाइस का क्या काम है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
वैसे सॉफ्टवेयर जो कंप्यूटर कुछ खास कामों को करने के लिए जिम्मेवार होते हैं और एक यह सॉफ्टवेयर बेसिक कंप्यूटर के काम के अलावा इनसे कहि ज़्यादा काम करने के लिए कंप्यूटर को शाक्षम बनाते हैं वैसे सॉफ्टवेयर को एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहते हैं।
अगर हम बात करें एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की तब यह पूरी तरह से यूजर के डिमांड और उसके जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया जाता है। जैसे कि Windows Media Player इस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल केवल ऑडियो और वीडियो को देखने और सुनने के लिए बनाया गया है। वहीं दूसरे उदाहरण देखे तब Google Chrome को को केवल इंटनेट को इस्तेमाल करने के नजरिये से बनाया गया है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की विशेषताएं
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को केवल खास प्रोसेस या टास्क को करने के लिए बनाया जाता है।
- आमतौर पर ऐसे सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में ज़्यादा मेमोरी की आवश्यकता पड़ती है।
- सिस्टम सॉफ्टवेयर की तुलना में एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को डिज़ाइन करना काफी आसान होता है।
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को हमेशा ही यूजर की उपयोगिता और जररूत को ध्यान में रखकर बनाया जाता है।
- एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को को बनने में हाई लेवल लैंग्वेज जैसे Java, Python, या C++ जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के प्रकार
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जाता है, और वह कुछ इस प्रकार हैं:
- यूटिलिटी सॉफ्टवेयर
- जनरल परपज़ सॉफ्टवेयर
- कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर
इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का उपयोग कंप्यूटर के परफॉरमेंस को सपोर्ट और बूस्ट करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ऐसे सॉफ्टवेयर साधारण तौर पर कंप्यूटर की स्पीड को बढ़ाते है, कंप्यूटर के कार्य करने की प्रणाली को समझते हैं और उसे ऑप्टिमाइज़ करते हैं।
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं: डिस्क क्लीनर, एंटीवायरस, रजिस्ट्री क्लीनर, डिस्क स्पेस मैनेजमेंट, मेमोरी टेस्टर इत्यादि।
जनरल परपज़ सॉफ्टवेयर
वैसे सॉफ्टवेयर जिसका डिज़ाइन यूजर की उपयोगिता और जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। जिसका इस्तेमाल कर यूजर अपने टास्क को पूरा करता है। उसे जनरल परपज़ सॉफ्टवेयर के अंतर्गत रखा जाता है।
जनरल परपज़ सॉफ्टवेयर के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं: MS Paint, MS Excel, Power Point, Notepad, Photoshop, Corel Draw, Paint 3D इत्यादि।
कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर
वैसे सॉफ्टवेयर जिनका निर्माण यूजर सॉफ्टवेयर डेवलपर से अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर कुछ खास टास्क को पूरा करने के लिए स्वयं बनवाता है, वह कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर के केटेगरी में आता है।
कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर के उदाहरण कुछ इस प्रकार हैं: रेलवे द्वारा टिकट बुकिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला सॉफ्टवेयर, मॉल में समान की खरीदारी के पश्चात बिलिंग में इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर, ऐरोप्लेन की टिकट बुकिंग में इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर इत्यादि।
सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में अंतर
सिस्टम सॉफ्टवेयर | एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर |
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इसका डिज़ाइन कंप्यूटर के हार्डवेयर से तालमेल बिठाने और उसे कमांड जाता है। | इसे यूजर के डिमांड और बाकी अन्य टास्क को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। |
यूजर का इंटरैक्ट इस सॉफ्टवेयर से नहीं होता है। | इसे यूजर से इंटरैक्ट करने के लिए ही बनाया जाता है। |
कंप्यूटर सिस्टम को सुचारु रूप से काम करने बनाया जाता है। | कंप्यूटर सिस्टम से इस सॉफ्टवेयर को ख़ास मतलब नहीं होता। |
इसे सॉफ्टवेयर को लो लेवल लैंग्वेज में लिखा जाता है। | इस सॉफ्टवेयर को हाई लेवल लैंग्वेज में लिखा जाता है। |
उदाहरण: ऑपरेटिंग सिस्टम, लैंग्वेज प्रोसेसर इत्यादि। | उदाहरण: MS Excel, MS Word, VLC Media Player, PhotoShop इत्यादि। |
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अंतिम शब्द
इस लेख में आपने जाना की सॉफ्टवेयर क्या होते हैं? और इसके कितने प्रकार हैं। इस लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई शंका या सवाल आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद।
FAQs
Q: सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदाहरण क्या है?
उत्तर: विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, लैंग्वेज प्रोसेसर
Q: एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण क्या है?
उत्तर: MS Word, MS Excel, Photoshop, Windows Media Player इत्यादि।

आकाश कुमार एक Tech-Enthusiast और एक Electronics and Communications Engineering Graduate हैं, और इनका Passion है ब्लॉगिंग करना और लोगो तक सही एवं शटीक जानकारी पहुँचाना। अपने फ्री समय में ये Spotify में गाना सुनना पसंद करते हैं।