जेट लैग क्या है? कारण, लक्षण और बचाव

जेट लैग, एक ऐसा शब्द जो आजकल यूट्यूब पर व्लॉगर द्वारा ज़्यादातर इस्तेमाल किया जाता है। जेट लैग शब्दों का इस्तेमाल खास कर वैसे लोग करते हैं जो विदेश यात्रा करते हैं। लेकिन आखिरकार ये जेट लैग है क्या? कैसे पता लगाएं की आपको भी जेट लैग हुआ है? और इस समस्या से कैसे बचा जाये।

जेट लैग क्या है?

जेट लैग कोई गंभीर बिमारी नहीं है बल्कि एक साधारण सी समस्या जो किसी यात्री द्वारा तब महसूस किया जाता है जब वह किसी एक टाइम जोन से दूसरे टाइम जोन में यात्रा के दौरान प्रवेश करता है। जेट लैग होने का कारण है इंसान के शरीर का प्राकृतिक घड़ी या Circadian लय क बिगड़ना। अस्थाई रूप से नींद लेने के कारण यात्री की ऊर्जा और सतर्कता प् काफी प्रभाव पड़ता है।

जेट लैग क्या है? कारण, लक्षण और बचाव
जेट लैग क्या है? कारण, लक्षण और बचाव

हमारा शरीर भी आमतौर पर 24 घंटों के चक्र या कहें बॉडी क्लॉक के अनुरूप कार्य करता है। इस दौरान हमारा शरीर विशिष्ट जैविक कार्यों को करने के लिए घडी का अनुसरण करता है। जैसे की हमारे शरीर में इस दौरान हार्मोन्स बनते हैं, जो हमारे कई सारे शारीरिक गतिविधियों में हमारी मदद करते हैं।

जेट लैग को चिकित्सा के क्षेत्र में डिसिंक्रोनोसिस या सर्कैडियन डिसरिथिमिया के नाम भी जाना जाता है, जो की एक अस्थाई समस्या होता है।

जेट लैग के लक्षण

इसके कारण यात्री को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है और वह कुछ इस प्रकार है:

  • सुस्ती
  • तन्द्रा
  • थकान
  • पेट में गड़बड़ी
  • चिड़चिड़ापन

वैसे तो ये लक्षण ज़्यादा खतरनाक नहीं होते, लेकिन फिर भी इससे आपकी सेहत प्रभावित होती है।

जेट लैग के कारण

किसी भी मनुष्य की शरीर की आंतरिक प्रणाली भी समय के अनुरूप ही कार्य करती है। अगर किसी कारणवश इंसान दूसरे समय जोन में चला जाए तब उसकी शरीर की कार्यपाङली तुरंत उस समय जोन के अनुसार नहीं ढलती और इसी कारण जजेट लैग की समस्या उत्पन्न होने लगती है।

सोने का समय

यात्रा के दौरान प्लेन में अच्छी और पूरी नींद लेना संभव नहीं हो पाता, क्यूंकि प्लेन में अक्सर शोर शराबा होता है। जिससे आपके सोने की रौंटीने खराब हो जाती है। केवल यही नहीं यात्रा के दौरान शोर शराबा के अलावा जैसे तापमान, और आराम का स्तर भी अच्छा नहीं होता जिससे सोने में कफी कठिनाइयां आती है।

थकान

यात्रा के दौरान होने वाली थकन भी कई बार जेट लैग का कारण बनती है। खासकर प्लेन से यात्रा करने के दौरान केबिन में विभिन्न ऊंचाई पर होने वाले दबाव के कारण भी न चाहते हुए थकान का एहसास होने लगता है। वहीँ कुछ यात्री को ऊंचाई से समस्या होती है जिसे Altitude Sickness के नाम से भी जाना जाता है। जिसके कारण सरदर्द, जी मचलाने और थकान जैसे समस्याएं उत्पन्न होती है और ये जेट लैग का कारण बनती हैं।

कैफीन और अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ

हवाई यात्रा के दौरान यात्री प्लेन में कई प्रकार के पेय पदार्थ के सेवन करना पसंद करते हैं। इनमे अल्कोहल, कॉफी और अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थ शामिल है। जो की यात्री को नींद पूरी करने नहीं देता और जो आगे चलकर जेट लैग का कारण बनता है।

इनसब के अलावा और भी कई सारे कारण हैं, जो किसी यात्री को जेट लैग जैसी अस्थाई समस्या से रूबरू करवा सकता है।

जेट लैग से बचाव

जेट लैग जैसी अस्थाई समस्या को काफी हद तक अपने नियंत्रण में किया जा सकता है। बसर्ते आपको इससे बचाव की पूरी जानकारी हो। जेट लैग से बचने के तरीके कुछ इस प्रकार हैं।

  • यात्रा के दौरान झपकी या सम्भव हो तब तो गहरी नींद।
  • ऐसे फ्लाइट का चुनाव करें जो शाम के समय आपको गंतव्य तक पहुंचाए, ताकि रात्रि विश्राम अच्छे से कर सकें।
  • यात्रा शुरू करने से पहले हमेशा अतिरिक्त दिनों की योजना बनाएं।
  • टाइम जोन के कारण अपने शरीर में होने वाले बदलाव के लिए तैयार रहें।
  • जेट लैग से सम्बंधित खान-पान का ही सेवन करें और जरूरत से ज़्यादा खाना खाने से भी बचें।
  • समय-समय पर पानी पीकर अपने शरीर में पानी की कमी होने न दें।
  • संभव हो तब प्लेन में थोड़ा चहलकदमी करें या फिर प्लेन बदलने के दौरान एयरपोर्ट पर चहलकदमी या व्यायाम करें।
  • साधारण चाय, कॉफ़ी या अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थ के बजाय हर्बल चाय का सेवन करें।

अंतिम शब्द

इसे भी पढ़ें:इस लेख के माध्यम से आपने जाना की जेट लैग क्या है? साथ ही आपने इसके कारण, लक्षण और बचाव को भी जाना। लेख से सम्बंधित किसी तरह की कोई सवाल, शिकायत या सुझाव आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद।

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