अमावस्या कब है? तिथि और समय के साथ जाने | Amavasya List December 2022

इस लेख में अमावश्या कब है? की जानकारी महीने के अनुसार दी गयी है। आपको बता दूँ, पूर्णिमा की भाँती हिन्दू धर्म ग्रंथों में अमावस्या (Amavasya) का भी बहुत बड़ा महत्व है। वैज्ञानिक तथ्यों की बात करें तब अमावस्या महीने का वह दिन होता है जिस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों एक ही कक्ष में होते हैं। जिसके फलस्वरूप पृथ्वी पर चंद्रमा बिल्कुल भी नहीं दिखाई पड़ता।

अमावस्या कब है? | December Amavasya Kab Hai?

December 2022 की अगली अमावस्या (Amavasya) की तिथि, दिन और समय कुछ इस प्रकार है।

अंग्रेजी तिथि 23 दिसंबर 2022
पंचांग महीनापौष अमावस्या
दिन शुक्रवार
समय 22 दिसंबर को शाम 07:13 PM से 23 दिसंबर को शाम 03:46 PM तक

साल 2022 की अमावस्या तिथि समय के साथ

साल 2022 में पड़ने वाली सभी अमावस्या (Amavasya) की तिथि, समय और दिन कुछ इस प्रकार है।

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महीना अंग्रेजी तिथि दिन समय
पौष अमावस्या02 जनवरी 2022रविवार02 जनवरी (03:42 AM) – 03 जनवरी (12:03 AM)
माघ अमावस्या01 फ़रवरी 2022मंगलवार31 जनवरी (02:18 PM) – 01 फ़रवरी (11:15 AM)
फाल्गुन अमावस्या02 मार्च 2022बुधवार02 मार्च (01:00 AM) – 02 मार्च (11:04 PM)
चैत्र अमावस्या01 अप्रैल 2022शुक्रवार31 मार्च (12:22 PM) – 01 अप्रैल (11:54 AM)
वैशाख अमावस्या30 अप्रैल 2022शनिवार30 अप्रैल (12:58 AM) – 01 मई (01:58 AM)
ज्येष्ठ अमावस्या30 मई 2022सोमवार29 मई (02:55 PM) – 30 मई (05:00 PM)
आसाढ़ अमावस्या29 जून 2022बुधवार28 जून (05:52 AM) – 29 जून (08:22 AM)
श्रावण अमावस्या28 जुलाई 2022गुरुवार27 जुलाई (09:12 PM) – 28 जुलाई (11:25 PM)
भाद्रपदा अमावस्या27 अगस्त 2022शनिवार26 अगस्त (12:24 PM) – 27 अगस्त (01:47 PM)
आश्विन अमावस्या25 सितंबर 2022रविवार25 सितंबर (03:12 AM) – 26 सितंबर (03:24 AM)
कार्तिक अमावस्या25 अक्टूबर 2022मंगलवार24 अक्टूबर (05:27 PM) – 25 अक्टूबर (04:18 PM)
मार्गशीर्ष(अगहन) अमावस्या23 नवंबर 2022बुधवार23 नवंबर (06:53 AM) – 24 नवंबर (04:27 AM)
पौष अमावस्या23 दिसंबर 2022शुक्रवार22 दिसंबर (07:13 PM) – 23 दिसंबर (03:46 PM)

साल 2023 की अमावस्या तिथि समय के साथ

साल 2023 में पड़ने वाली सभी अमावस्या (Amavasya) की तिथि, समय और दिन कुछ इस प्रकार है।

महीना अंग्रेजी तिथि दिन
माघ अमावस्या21 जनवरी 2022शनिवार
फाल्गुन अमावस्या19 फ़रवरी 2022रविवार
फाल्गुन अमावस्या20 फ़रवरी 2022सोमवार
चैत्र अमावस्या21 मार्च 2022मंगलवार
वैशाख अमावस्या19 अप्रैल 2022बुधवार
वैशाख अमावस्या20 अप्रैल 2022गुरुवार
ज्येष्ठ अमावस्या19 मई 2022शुक्रवार
आसाढ़ अमावस्या17 जून 2022शनिवार
आसाढ़ अमावस्या18 जून 2022रविवार
श्रावण अमावस्या17 जुलाई 2022सोमवार
श्रावण अमावस्या15 अगस्त 2022मंगलवार
श्रावण अमावस्या16 अगस्त 2022बुधवार
भाद्रपदा अमावस्या14 सितंबर 2022गुरुवार
आश्विन अमावस्या14 अक्टूबर 2022शनिवार
कार्तिक अमावस्या13 नवंबर 2022सोमवार
मार्गशीर्ष(अगहन) अमावस्या12 दिसंबर 2022मंगलवार

अमावस्या (Amavasya) क्या है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार एक महीने में 30 तिथियां होती है और 30 वां दिन या कहें कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या के रूप में जाना जाता है। अमावस्या (Amavasya) के दिन चन्द्रमा पृथ्वी पर बिल्कुल भी दिखाई नहीं पड़ता। इस दिन सूर्य और चंद्रमा के बिच का अंतर शुन्य होता है।

हिन्दू धर्म में पूर्णिंमा की भाँती ही अमावस्या का भी अहम् स्थान है। इसके अलावा अमावस्या (Amavashya) की रात को निसाचरी भी कहा जाता है।

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अमावस्या शब्द की उत्पत्ति

दरअसल चन्द्रमा की कूल 16 कलाएं होती है। जिसमे शुक्ल पक्ष के पहले दिन चन्द्रमा बिल्कुल हलकी सी दिखाई देती है और जैसे-जैसे दिन बीतता है वैसे-वैसे चन्द्रमा का अधिकतम हिस्सा प्रिथ्वी पर दिखने लगता है। अंततः 15 वे दिन हमें पूर्ण चन्द्रमा का दर्शन होता है, जिसे हम पूर्णिमा की रात या अंग्रेजी में Full Moon Night कहते हैं।

चंद्रमा की जो 16वीं कला है, उसे अमा कहा जाता है। इस अमा शब्द से ही अमावस्या शब्द का निर्माण हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ, अमावस्या (Amavasya) की जो 16 कलाएं होती है उसकी सम्मिलित शक्तियां अमावश की तिथि में व्याप्त होती है।

अमावस्या, ज्योतिष और गणित के नज़रिये से

दरअसल सूर्य और चंद्रमा महीने में एक बार, एक ही राशि पर, एक ही कला पर और एक ही विक्ला पर जिस दिन अवस्थित होते हैं। उस पवित्र दिन को अमावस्या (Amavasya) कहा जाता है।

अमावस्या का महत्व अर्थात लाभ | Benefits of Amavasya

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार अमावस्या का महत्व कुछ इस प्रकार है।

  • अमावस्या तिथि प्रत्येक धार्मिक कार्य के लिए अक्षय फल देने वाली बताई गयी है।
  • शास्त्रों के अनुसार डिवॉन से पहले पितरों को प्रसन्न करना चाहिए। इसलिए अमावस्या के दिन पितरों को जल आदि अर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है।
  • पितरों की शांति के लिए अमावस्या व्रत पूजन अपने आप में विशेष महत्व रखती है।
  • जिस इंसान के कुंडली में पितृ दोष हो या फिर संतान हिन् का योग बन रहा हो। उनके लिए अमावस्या का उपवास रखना फायदेमंद होता है।
  • अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से सशत्र गोदान का फल प्राप्त होता है।
  • विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धा भाव से अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण ही नहीं बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, रूद्र, अश्विनी, सूर्य, अग्नि, वायु, ऋषि, मनुष्य, पशु-पक्षी, सरीसृप आदि समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं।

अमावस्या के दिन क्या न करे?

अमावस्या वाले दिन हमें इन बातों का जरूर ख्याल रखना चाहिए।

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  • अमावस्या वाले दिन बाल अथवा दाढ़ी कटवाने से बचें।
  • इस दिन नाख़ून भी कटवाने से बचें।
  • व्यापार सम्बंधित किसी बड़े निर्णय को लेने से बचें।
  • यात्रा करने से बचें। क्यूंकि अमावस्या वाले दिन चाँद नहीं होता और चाँद का हमारे मन पर प्रभाव पड़ता है। चाँद के न होने से मन विचलित होता है और काफी लोग इस दिन असहज भी महसूस करते हैं।
  • अमावस्या के दिन किसी नए काम या फिर शुभ काम की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए। वरना आगे चलकर काम का खराब होने की संभावना काफी ज़्यादा होती है।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से आपने जाना की आखिर अमावस्या कब है? (Amavasya Kab Hai?) साथ ही आपने इसका महत्व और इस दिन क्या सावधानी बरतनी चाहिए, वह भी जाना। इस लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई समस्या, सुझाव या शिकायत हो तब निचे कमेंट करके हमें जरूर बतलायें, धन्यवाद।

FAQs

Q: आज अमावस्या है या नहीं?

उत्तर: आने वाली अमावस्या 23 दिसंबर 2022 को है।

Q: इस महीने में अमावस्या कब की है?

उत्तर: 23 दिसंबर 2022 .

Q: आज की अमावस्या कितने बजे तक है 2022?

उत्तर: 22 दिसंबर को शाम 07:13 PM से 23 दिसंबर को शाम 03:46 PM तक

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