क्लाइमेट चेंज एक ऐसी वैश्विक संशय जिस पर बात तो सभी करते हैं लेकिन असल में शायद काम करना नहीं चाहते है। यह संशय कोई आम संशय नहीं है क्यूंकि ऐसा माना जाता है अगर पृत्वी से कभी मनुष्य जीवन का अगर अंत होगा तब इसका कारण क्लाइमेट चेंज ही होगा। इस लेख के माध्यम से यही जानने की कोशिश करेंगे की यह क्लाइमेट चेंज आखिर है क्या? क्लाइमेट और वेअथेर में क्या अंतर है? और साथ ही यह भी जानेंगे की क्लाइमेट चेंज में संयुक्त राष्ट्र द्वारा कहा गया कोड रेड फॉर ह्यूमैनिटी का अर्थ क्या है?

क्लाइमेट चेंज किसे कहते हैं?
आसान भाषा में बोले तो क्लाइमेट चेंज उसे कहते हैं जब पृथ्वी के किसी क्षेत्र या फिर पूरी पृथ्वी पर लंबे समय में हुए मौसम के बदलाव को देखा जाता है। यह बदलाव 1 या 2 साल में नहीं दिखता है बल्कि इस बदलाव को दिखने में कई दशक या कई सौ साल भी लग सकते हैं। आपको बता दें कि यह वेदर से बिल्कुल अलग होता है।
क्लाइमेट और वेदर में क्या अंतर है?
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा क्लाइमेट चेंज कई दशकों में या फिर सौ साल में वातावरण में हो रहे बदलाव को कहते हैं या फिर कहें की यह लंबे समय में मौसम में बदलाव को ही क्लाइमेट चेंज कहा जाता है।
वहीं दूसरी ओर वेदर चेंज का मतलब होता है छोटे समय में किसी एक क्षेत्र के मौसम में हुए बदलाव। वेदर में बदलाव के कुछ मुख्य कारक हैं तापमान, वायु में मौजूद नमी, हवा, वर्षा, बारिश, और बाढ़ इत्यादि।
क्लाइमेट चेंज में कोड रेट का मतलब क्या है?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में क्लाइमेट चेंज के ऊपर पैनल IPCC का सगठन किया था, जिसमें 195 सदस्य थे और उस 195 सदस्य में भारत भी शामिल था। इस पैनल में अपना छठा रिपोर्ट अभी जारी ही किया है जिसमें कुछ बातों पर गौर किया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को ही उन्होंने कोड रेड फ़ॉर ह्यूमैनिटी का नाम दिया है।
इस पैनल ने कहा है दुनिया भर के वैज्ञानिक क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे हैं क्लाइमेट में बदलाव का अवलोकन कर रहे है। इस रिपोर्ट में यह कहा गया है क्लाइमेट चेंज का असर अब दुनिया में दिखने लगा है, कहीं समुद्री जल का स्तर बढ़ रहा है तो कहीं कार्बन डाइऑक्साइड का अधिक उत्सर्जन के कारण ग्रीन हाउस गैस पृत्वी में बढ़ रहे है। यही कारण है कि पृत्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है।
इतनी तेजी से बढ़ रहे तापमान के कारण ग्लेशियर भी तेजी से पिघल रहे हैं। इसके साथ-साथ यही कारण है कि कहीं ना कहीं अखबारों में कई बार भूस्खलन तो कहीं सूखा और फिर अचानक से बाढ़ की खबरे पढ़ने को मिलती है।
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क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुकसान
वैश्वीक स्तर पर हो रहे क्लाइमेट में बदलाव के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:
- वैश्विक तापमान वृद्धि जारी रहेगी।
- वर्षा पैटर्न में परिवर्तन देखे जाएंगे।
- बारिश कम होने की वजह से अत्यधिक सूखे पड़ेंगे।
- लू अथवा गर्म लहरें ज़्यादा चलेंगी।
- तुफानो की आने की रफ्तार और तेज़ होगी।
- आर्कटिक के सारे बर्फ पिघल कर गायब हो सकते हैं।
- समुद्री जल का स्तर वर्ष 2100 तक 1 से 8 फ़ीट तक बढ़ जाएगा।
क्लाइमेट चेंज को रोकने के तरीके
वैश्विक स्तर पर हो रहे क्लाइमेट चेंज को रोकने के तरीके कुछ इस प्रकार है:
- अपने देश की सरकार के साथ-साथ स्थानीय स्तर की सरकार से जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कार्यवाई करने को कहें।
- कार्बन उत्सर्जन कम से कम करें।
- ज़्यादा से ज़्यादा आम नागरिकों को जलवायु के प्रति जागरूक करें।
- जलवायु को बचाने के लिए संस्थाओं द्वारा की जाने वाले कार्यों के लिए दान करें और खुद भी समय निकाल कर इन संस्थाओं के लिए काम करें।
- मांस और डेरी उत्पादों का सेवन कम से कम करें।
- जहां तक संभव हो साईकल या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें।
- हवाई यात्रा करने के बजाय ट्रैन की यात्रा करें।
- जितना संभव हो अपने घर या आफिस में ऊर्जा की बचत करें।
- सबसे महत्वपूर्ण बात किसी खास मौके पर पेड़ लगाकर सेलिब्रेट करें।
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अंतिम शब्द
इस लेख में आपने क्लाइमेट चेंज के बारे में पढ़ा और इससे जुड़े हर पहलु की जानकारी आपको मिली। इस लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई सवाल या कोई विचार आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बताएँ, धन्यवाद।
FAQs
Code Red for Humanity का मतलब क्या है?
संयुक्त राष्ट्र द्वारा क्लाइमेट चेंज के ऊपर एक पैनल गठित किया गया था और उस रिपोर्ट में 10 पॉइंट पर बातें की गयी है और इसी रिपोर्ट को इस पैनल ने Code Red for Humanity का नाम दिया है।
क्लाइमेट और वेदर में क्या अंतर है?
क्लाइमेट लम्बे समय के दौरान हुए वैश्विक स्तर पर मौसम में बदलाव को क्लाइमेट चेंज कहते हैं इस बदलाव को होने में कई दशक लग सकते हैं। वेदर का अर्थ है कम समय में किसी स्थानीय स्तर पर हुए मौसम में बदलाव यह बदलाव 4 से 5 साल में देखे जा सकते हैं।

शशिकांत सुमन ने Electronics & Communication में Engineering स्नातक प्राप्त किया है। पेशे से यह एक शिक्षक हैं और अपने शुरूआती दिनों से ही इन्हे General Awareness से स्वयं को अपडेट रखना पसंद था। अपने इसी Passion को फॉलो करते हुए ये General Awareness और सरकारी योजनाओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी आप लोगो से साझा करने लिए अपने फ्री समय में ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं।