श्री बजरंग बाण का पाठ, नियम, फायदे – Bajrang Baan Path Lyrics in Hindi

Bajrang Baan in Hindi – ये हनुमान जी के शक्ति श्रोत में मौजूद काफी अनोखा और काफी शक्तिशाली श्रोत है। Bajrang Baan का उपयोग विभिन्न परिस्तिथियों में विभिन्न कार्यों को सफल करने में किया जाता है।

पवन पुत्र और श्री राम के परम सेवक हनुमान जी से अगर आपको कोई वरदान पाना हो, तब इसके लिए सबसे पहले आपको श्री राम जी का नाम लेना होगा। अगर फिर भी आपकी काम न बने तब आप हनुमान जी को श्री राम जी के नाम की सौगंध देने मात्र से आपका काम अवश्य सफल होगा। ऐसा करने के लिए आपको बजरंग बाण का पाठ अर्थात जाप करनी पड़ेगी।

श्री बजरंग बाण दोहा – Bajrang Baan Doha

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान |

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ||

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बजरंग बाण चौपाई – Bajrang Baan Chaupai

जय हनुमंत संत हितकारी, सुन लीजै प्रभु बिनय हमारी ||
जन के काज बिलंब न कीजै, आतुर दौरि महा सुख दीजै ||
जैसे कूदि सिंधु के पारा, सुरसा बदन पैठि बिस्तारा ||
आगे जाय लंकिनी रोका, मारेहु लात गई सुरलोका ||

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा, सीता निरखि परमपद लीन्हा ||
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा, अति आतुर जमकातर तोरा ||
अक्षय कुमार मारि संहारा, लूम लपेटि लंक को जारा ||
लाह समान लंक जरि गई, जय जय धुनि सुरपुर नभ नई ||

अब बिलंब केहि कारन स्वामी, कृपा करहु उर अंतरयामी ||
जय जय लखन प्रान के दाता, आतुर ह्रै दुख करहु निपाता ||
जै हनुमान जयति बल सागर, सुर समूह समरथ भट नागर ||
ऊँ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले, बैरिहि मारू बज्र की कीले ||

ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा |
जय अंजनि कुमार बलवंता, शंकरसुवन बीर हनुमंता ||
बदन कराल काल कुल घालक, राम सहाय सदा प्रतिपालक ||
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर, अग्नि बेताल काल मारी मर ||

इन्हें मारू तोहि शपथ राम की, राखु नाथ मरजाद नाम की ||
सत्य होहु हरि शपथ पाइ कै, राम दूत धरू मारू धाइ कै ||
जय जय जय हनुमंत अगाधा, दुख पावत जन केहि अपराधा ||
पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ||

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं ||
जनकसुता हरि दास कहावौ, ताकि शपथ बिलंब न लावौ ||
जै जै जै धुनि होत अकासा, सुमिरत होय दुसह दुख नासा ||
चरन पकरि कर जोरि मनावौं, यहि औसर अब केहि गोहरावौं ||

उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई, पायँ परौ कर जोरि मनाई ||
ऊँ चं चं चं चपत चलंता, ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ||
ऊँ हं हं हाँक देत कपि चंचल, ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल ||
अपने जन को तुरत उबारौ, सुमिरत होय आनंद हमारौ ||

यह बजरंग बाण जेहि मारै, ताहि कहौ फिरि कवन उबारै ||
पाठ करै बजरंग बाण की, हनुमत रक्षा करै प्राण की ||
यह बजरंग बाण जो जापैं, तासों भूत प्रेत सब कापैं ||
धूप देय जो जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेसा ||

दोहा – Bajrang Baan Doha

उर प्रतीति दृढ़ सरन ह्रै, पाठ करै धरि ध्यान |
बाधा सब हर करैं, सब काम सफल हनुमान ||

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बजरंग बाण क्या है? | Bajrang Ban

हनुमान जी के बहुत सारे शक्ति श्रोत हैं जिनमे से कुछ इस प्रकार है: हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, साठिका, सुन्दर कांड, हनुमान बिसा, हनुमान पचीसा, तथा बजरंग बाण इत्यादि। इन सब शक्ति श्रोतो में बजरंग बाण को काफी शक्तिशाली माना जाता है। बजरंग बाण की शक्ति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की इसके जरिये हनुमान जी को कम से कम 5 बार श्री राम जी के नाम का सौगंध दिया जाता है।

बजरंग बाण पाठ कैसे करें?

बजरंग बाण ऐसा मन्त्र अथवा पाठ है जिसका अपने आप में ही काफी महत्व है। क्यूंकि बाण शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर काफी कम ही पाठ में किया जाता है। इसके अलावा अगर किसी मन्त्र में बाण शब्द का इस्तेमाल होता है, तब आपको समझ जाना चाहिए की ये काफी अमोघ मंत्र होता है।

अगर आप बजरंग बाण का पाठ प्रतिदिन करते हो, तब आपको निचे दिए गए कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

  • सबसे पहले बजरंग बाण का पाठ करने के लिए एक हनुमान जी की फोटो अथवा किसी प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति के समक्ष बैठ जाए।
  • अब मूर्ति अथवा फोटो के सामने तील का तेल या फिर सरसो के तेल का दिया प्रजवल्लित करें।
  • इसके साथ ही धुप-बत्ती भी अवश्य प्रजवल्लित करें।

बजरंग बाण का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

बजरंग बाण की जाप और पाठ करने से जुड़े फायदे अर्थात लाभ कुछ इस प्रकार है:

  • बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह की बाध दूर होती है।
  • तलाक सम्बंधित समस्या का निदान भी बजरंग बाण का पाठ करने मात्र से दूर होता है।
  • गृह दोष को दूर करने में बजरंग बाण काफी लाभकारी होता है। प्रातःकाल अन्ते की दिए में डीप बत्ती करने से गृह दोष दूर होता है।
  • राहु, गुरु या शनि की महादशा चल रही हो तब बजरंग बाण का पाठ नियमनुसार करने से समस्या टलती है।
  • अगर किसी कारणवश जेल जाने का योग बन रहा हो। तब ऐसी परिस्तिथि से बजरंग बाण आपको काफी हद तक राहत दिला सकता है। इसके अलावा जेल से मुक्ति में भी बजरंग बन काफी लाभकारी होता है।
  • गंभीर शारीरिक बिमारी से निदान में भी बजरंग बाण का जाप लाभकारी साबित होता है। इसके लिए हनुमान जी को 21 पान के पत्तों की माला बनाकर चढ़ाकर 5 बार बजरंग बाण का जाप करें। ध्यान रहे बजरंग बाण का जाप राहुकाल में ही करें।
  • छूटी हुई नौकरी दुबारा पानी हो या फिर नौकरी के छूट जाने की दर हो तब ऐसी परिस्तिथि में बजरंग बाण का पाठ रात में नक्षत्र दर्शन करने के बाद करने और साथ में मंगलवार का व्रत करने के भी इस समस्या का समाधान होता है।
  • घर में वास्तु दोष से जुड़ी समस्या में भी बजरंग बाण का पाठ नियमानुसार करने से इस समस्या का समाधान होता है।

बजरंग बाण का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

कम से कम बजरंग बाण की पाठ अर्थात जाप 5 बार करनी चाहिए।

बजरंग बाण कब करना चाहिए और कब नहीं करना चाहिए?

जब आप छोटी मोटी समस्याओं से जूझ रहे हो तब बजरंग बाण का जाप नहीं करना चाहिए। इसके अलावा हनुमान चालीसा की भाँती इसे प्रतिदिन या फिर प्रत्येक मंगलवार को भी नहीं करना चाहिए। जब समस्या बड़ी हो, जैसे किसी की जान पर बन आयी हो या स्तिथि आपके पक्ष में बिल्कुल न हो तब बजरंग बाण का पाठ करना हमारे लिए लाभकारी होता है।

  • छोटी-मोटी समस्या से आप परेशान हो तब ऐसी परिस्तिथि में बजरंग बाण का पाठ करने के बजाय हनुमान चालीसा पढ़ना ज़्यादा लाभकारी होता है।
  • जब महिलायें अपनी मासिक धर्म से गुजर रही हो तब ऐसी परिस्तिथि में उन्हें केवल सीता-राम का जाप करना चाहिए। ऐसी परिस्तिथि में दूसरे शक्ति श्रोतो को पढ़ने की गलती न करें।
  • कमजोर दिलवाले वैसे इंसान जो घोर संकट सेगुज़र रहे हो वो बजरंग बाण का पाठ अवश्य करें।
  • वैसे इंसान जो भूत-प्रेत से परेशान हो वो बजरंग बाण का पाठ जरूर करें।
  • जिन्हे अकसर डरावने सपने आते हो, वो बजरंग बाण का पाठ जरूर करें।
  • दुश्मन आपके ऊपर हावी हो तब आपको बजरंग बाण का पाठ जरूर करनी चाहिए।

अंतिम शब्द

इस लेख के माध्यम से आपने बजरंग बाण (Bajrang Baan in Hindi) का दोहा, मंत्र और इससे जुड़े फायदे और इसे पढ़ने के नियमों को जाना। इस लेख से संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या, सुझाव या सवाल आपके पास हो तब निचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बतलायें, धन्यवाद्।

FAQs

Q: बजरंग बाण कितने दिन में सिद्ध होता है?

उत्तर: विशेष परिस्तिथि में बजरंग बाण एक दिन में भी सिद्ध हो जाता है।

Q: बजरंग बाण किसने लिखा था?

उत्तर: बजरंग बाण को श्री गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा लिखा गया था।

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