बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम या स्कीम भारत सरकार द्वारा साल 1962 में लांच किया गया था। पूरी दुनिया में भारत दूसरा देश था जिसने बैंक में निवेश किये रकम की सुरक्षा बीमा के रूप में सरकार द्वारा दिया जाने लगा था। अमेरिका दुनिया ऐसा पहला देश जहाँ डिपाजिट स्कीम को लांच किया गया था।
हाल के दिनों में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस स्कीम में कुछ बड़े बदलाव किये गए। इस बड़े बदलाव के कारण इस स्कीम के बारे में लोगों को जानने की उत्सुकता काफी बढ़ी है। इस लेख के ामधयम से आप ये जानेंगे की बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम अथवा स्कीम क्या है? साथ आप इसके जुड़े फायदों को भी जानेंगे।
बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम या स्कीम क्या है?
डिपॉजिट प्रोग्राम अथवा डिपॉजिट प्रोटेक्शन, एक प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था है जो दुनिया के कई सारे देश अपनी बैंकिंग प्रणाली पर लागू करते हैं। इस तरह के प्रोग्राम का एक मात्र उद्देश्य होता है: बैंक में जमाकर्ताओं के निवेश की सुरक्षा करना। किसी कारणवश बैंक जमाकर्ता द्वारा जमा की गयी राशि को वापस करने में असमर्थ होती है। तब ऐसी परिस्तिथियों में इस तरह के प्रोग्राम के तहत जमाकर्ताओं की जमाराशि को वापस किया जाता है।
- अगर बाते करें बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम की तब ये भारत में डिपॉजिट प्रोटेक्शन के रूप में काम करता है। इस स्कीम के जरिये बैंक में जमाकर्ताओं द्वारा जमाराशि की सुरक्षा बीमा द्वारा किया जाता है।
- इस स्कीम के लिए भारत सरकार ने एक व्यवस्थित रूप से एक अलग संस्था का निर्माण किया हुआ है। इस संस्था को Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के नाम से डबी के अधीन कार्यरत है।
- DICGC प्रत्येक ₹100 के जमाराशि पर 10 पैसे की बीमा करती है और सबस अच्छी बात तो ये है की इस राशि को बैंक द्वारा चुकाया जाता है। इस राशि का भार जमाकर्ताओं पर नहीं होता।
- फरवरी 2020 के पहले इस प्रोग्राम के तहत अधिकतम ₹1 लाख की जमाराशि तक ही बिमा की सुविधा मुहैया कराई जाती थी। लेकिन सरकार ने मौजूदा हालात और जामकर्ताओं के बारे में सोचते हुए, इस स्कीम में बड़ी बदलाव करते हुए बीमे की राशि को ₹5 लाख तक कर दिया है।
- किसी कारणवश अगर आरबीआई (RBI) किसी भी बैंक की बंद होने की घोषणा करती है, ठीक उसके 90 दिनों के भीतर जमाकर्ताओं के 5 लाख रूपए तक की रकम वापस कर दी जाएगी। पहले इस व्यवस्था के जरिये जमाकर्ता को केवल 1 लाख रूपए ही वापस किये जाते थे और वापस करने में लगभग 10 साल का लंबा समय भी लग जाता था।
किस प्रकार के निवेश पर बीमा कवर होगा?
बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम के तहत निम्नलिखित प्रकार के निवेश पर बीमा कवर किया जाएगा।
- बचत खाता (Saving Account)
- करंट अकाउंट (Current Account)
- फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit)
- रेकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deosit)
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किस प्रकार के निवेश पर बीमा कवर नहीं होगा?
बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम के तहत निम्नलिखित निवेशों पर इस स्कीम के तहत बीमा कवर नहीं किया जाता।
- किसी विदेशी सरकार द्वारा बैंक में किया गया राशि।
- केंद्र/राज्य सरकार की जमाराशि।
- इंटर
- इंटर-बैंक की जमाराशि।
- राज्य की सहकारी बैंको में राज्य भूमि विकास की जमा राशि।
- भारत के बहार से प्राप्त किया गया बकाया राशि।
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बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम के फायदे
- इस स्कीम या कहें प्रोग्राम के जरिये आपके द्वारा निवेश की गयी जमाराशि सुरक्षित रहेगी।
- किसी भी हालात में बैंक बंद होने पर भी आप निश्चिंत रहोगे। क्योंकि 90 दिनों के भीतर आपकी जमाराशि वापस कर दी जाएगी।
- 5 लाख रूपए तक की जमाराशि बीमा के रूप में वापस कर दी जाएगी।
- इसमें जमाकर्ता को ज़्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे जुडी सारी प्रक्रिया DICGC द्वारा किया जाता है।
अंतिम शब्द
इस लेख के माध्यम से आपने जाना की बैंक डिपॉजिट इन्सुरेंस प्रोग्राम क्या है? और साथ ही आपने ये भी जाना की इसके क्या फायदे हैं। इस लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई सवाल, शिकायत या सुझाव आपके पास हो, तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बताएं, धन्यवाद्।

शशिकांत सुमन ने Electronics & Communication में Engineering स्नातक प्राप्त किया है। पेशे से यह एक शिक्षक हैं और अपने शुरूआती दिनों से ही इन्हे General Awareness से स्वयं को अपडेट रखना पसंद था। अपने इसी Passion को फॉलो करते हुए ये General Awareness और सरकारी योजनाओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी आप लोगो से साझा करने लिए अपने फ्री समय में ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं।