इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) क्या है? इसके फायदे, नुकसान और यह काम कैसे करता है?

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अगर समझ गए तब काफी आसान सी चीज़ है अगर नहीं समझे तब बहुत ही मुश्किल सी चीज़ है। कभी भी आपके मन में यह खयाल आया है की आखिर घर में चालु AC या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान मोबाइल से किस तरह से बंद किया जाता है? या कभी आपने यह सोचा है की दुनिया में कहीं भी रहने पर घर की CCTV कैमरा को लोग कैसे एक्सेस कर पाते है?

ये सब चीज़ें अगर इंटरनेट से जुडी हो तब वह इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स या शार्ट में कहें तब IOT कहलाती है। आखिर यह IOT है क्या? काम कैसे करता है और इसके फायदे तथा नुकसान क्या-क्या हैं? इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का इस्तेमाल कहाँ पर किया जाता है? ऐसे कई सारे अनगिनत सवाल होंगे जो आपको इस लेख के पढ़ने के बाद खुद ही समझ में आने लगेंगे।

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) क्या है इसके फायदे, नुकसान और यह काम कैसे करता है
IOT: Internet Of Things(इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स)

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) क्या है?

जब किसी भौतिक इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तु जैसे बल्ब, TV, AC इत्याद जैसे उपकरण को इंटरनेट से जोड़ा जाता है तब यह प्रक्रिया इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स कहलाता है। इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स में थिंग्स का मतलब कुछ भी हो सकता है जैसे इंसान के शरीर में लगा हार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम, आपके हाथो की घडी में लगी ऑक्सीजन नापने की विधि, गाड़ियों में आजकल इस्तेमाल में लायी जाने वाली छक्कों के हवा को मापने वाली सेंसर, खेतों में स्वतः ही तापमान और नमी को मापने वाली सेंसर इत्यादि।

इस प्रकार से हम यह निचित तौर पर कह सकते हैं की एक ऐसी वस्तु जिसे एक इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिये जोड़ा जा सकता है तथा उस वस्तु से उपलब्ध डाटा को इंटरनेट के माध्यम से कहीं भी भेजा या ग्रहण किया जा सकता है।

तेज़ी से बढ़ रहे टेक्नोलॉजी के इस युग में इंटरनेट ऑफ़ थिंग का उप्तोग केवल घरों और आम व्यक्ति तक सिमित नहीं रह गया है। इसका उपयोग अब कंपनी अपने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में दिन-प्रदीन जोर शोर से उपयोग में ले रही है। इसके माध्यम से कंपनियां अपने सेवाओं का विस्तार कर रही है ग्राहकों को लुभाने का हर संभव प्रयास कर रही है।

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) काम कैसे करता है?

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स को काम कैसे करता है इसे समझने के लिए सबसे अच्छा तरीका है की मई आपको एक उदाहरण के जरिये समझाने की कोशिश करूँ। मान लीजिये आप एक किसान हैं और आप चाहते हैं की आप अपने खेतों को दुनिया में कहीं भी बैठकर अपने खेतों के काम काज पर नजर रखें और साथ ही कहीं से भी इसमें समय-समय पर पानी देकर अपने खेत को पटा सकें। अभी आप यह सोच रहे होंगे की क्या सच में यह सम्भव है तब इसका उत्तर है, हाँ यह संभव है।

खेतों की निगरानी के लिए आप अपने खेतों में CCTV कैमरा लगा लें और खेतों में पानी देने के लिए मोटर पंप लगालें और इनसब को कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट के मदद से इंटरनेट से जोड़ लें और फिर इनसब चीज़ों को अपने मोबाइल से नियंत्रण करने के लिए इसे मोबाइल से ऐप के जरिये कनेक्ट कर लें। इनसब चीज़ों को करने के लिए आपको इस फील्ड से जुड़े किसी एक्सपर्ट के मदद की जरूरत पड़ेगी।

अब जब यह सेटअप हो जाए तब आपके आपके CCTV कैमरे से जो भी डाटा कलेक्ट होगा वह इंटरनेट पर आपके सर्वर पर जाएगा और फिर आप उसे अपने मोबाइल से लॉगिन करके देख पाएगे और फिर अगर आपको लगे की खेतों में पानी की जरूरत है तब आप अपने स्मार्टफोन में ऐप से ही कमांड भेज कर अपने मोटर को चालु करने के लिए कमांड भेज दे जिससे वह कमांड आपके सर्वर के लिए आपके खेत में स्तिथ पंप को जाएगा और आपके पंप चालु हो जाएगा।

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स का महत्व इतना ज़्यादा इसलिए है क्यूंकि यह आम इंसान के जीवन में उसकी मदद करके जीवन को काफी हद तक आसान बना देता है। इसके जरिये आप अपने घर के सारे उपकरण को पूरी तरह से इंटरनेट से जोड़ सकते हैं और साथ ही सारे उपकरण को दुनिया में कहीं से भी नियंत्रण कर सकते हैं।

केवल यहीं नहीं अगर आपका अपना कोई व्यवसाय है तब आप इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के माध्यम से अपनी व्यवसाय पर छुट्टी में होते हुए भी नज़र रख सकते हैं और कुछ हद तक इसे स्वचालित क्र सकते हैं। साथ ही यह श्रम लगत को कम करने में आपकी मदद करता है।

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) के फायदे

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:

  • संसाधनों का बेहतर उपयोग।
  • उत्पाद क्षमता में बढ़ावा और मानव श्रम में कमी
  • लागत में कमी आना
  • बेहतर सुरक्षा
  • निगरानी में सुधार
  • डाटा मॉनिटरिंग
  • सरल उपयोग
  • काम में तेज़ी
  • बेहतरीन रूप से समय का प्रबंधन
  • स्वचालन और नियंत्रण
  • पैसो के साथ समय की भी बचत

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) के नुकसान

एक तरफ IOT के कई सारे फायदे हैं तब वही इसके नुकसान भी हैं और वह कुछ इस प्रकार हैं:

  • संचालन में जटिलता
  • सुरक्षा से समझौता
  • रोजर की कमी को बढ़ाता है।
  • टेक्नोलॉजी जीवन को नियंत्रित करती है।
  • टेक्नोलॉजी पर निर्भरता को बढ़ाता है।
  • आपकी महत्वपूर्ण डाटा के हैक होने के खतरे को बढ़ाता है।
  • कोई अंतराष्ट्रीय मानक तय नहीं होने के वजह से विभिन्न प्रकार के उपकरण से कनेक्शन स्थापित करने में मुस्किले होती है।
  • सिस्टम में बग या कोई एरर होने की स्तिथि में बाकी कनेक्टेड उपकरण में भी खराबी हो सकती है।

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अंतिम शब्द

इस लेख आपने इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स के बारे में पढ़ा और जाना की यह क्या है? इसके फायदे और नुकसान के साथ ही अपने इसके इतिहास को जाना और साथ ही उद्दाहरण के जरिये यह भी जाना की यह ककम कैसे करता है? लेख से सम्बंधित किसी प्रकार का कोई सवाल या फिर शंका आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद।

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FAQs

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) की खोज किसने की थी?

इसकी खोज Kevin Ashton नामक एक व्यक्ति ने की थी।

इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IOT) की खोज किस वर्ष हुई थी?

ऐसा माना जाता है की Kevin Ashton ने Procter&Gamble नामक कंपनी में काम करने के दौरान 1999 में दिया था।

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