नोरो वायरस क्या है? इसके लक्षण, बचाव से जुड़ी पूरी जानकारी

अभी कोरोना वायरस का संक्रामक दौर खत्म नहीं हुआ है की एक नया वायरस ने जन्म ले लिया है और इसका नाम है Noro Virus. आखिर ये नोरो वायरस है क्या? इसकी पहचान कैसे करें अर्थात इसके लक्षण क्या हैं?इसके फ़ैलाव के कौन-कौन से कारक हैं? इससे खुद को और अपने परिवार को कैसे बचा सकते है? जैसे कई सवाल होंगे आपके मन, तब चलिए एक-एक कर सभी सवालों के उतार को जानते हैं।

नोरो वायरस क्या है? इसके लक्षण, बचाव से जुड़ी पूरी जानकारी Noro Virus
सन्दर्भ: नोरो वायरस

नोरो वायरस क्या है?

नोरो वायरस बहुत ही संक्रामक वायरस है जो मुख्य रूप से उल्टी और दस्त के कारण बनते है। नोरो वायरस से संक्रमित मरीज़ में इसके बहुत से संक्रामक जीवाणु मौजूद होते हैं और इसके थोड़े से संक्रामक कण किसी दूसरे इंसान को भी इस वायरस से ग्रषित कर सकता है। कोई भी इंसान अपने जीवन काल में नोरो वायरस से कई बार ग्रषित हो सकता है, क्यूंकि Noro Virus के एक नहीं बल्कि कई प्रकार हैं।

जरुरी यह नहीं है की एक बार आप इस वायरस से संक्रमित हो गए तब दूसरी बार आप इससे बच जाएंगे! इसके बचाव में एक ही चीज़ कारगर है और वह है आपके शरीर के अंदर स्तिथ आपके रोग-प्रतिरोधक क्षमता।

आपकी जानकारी के लिए बता दें Noro Virus को कई जगह Stomach Flu के नाम से भी जाना जाता है।

नोरो वायरस के लक्षण क्या है?

नोरो वायरस एक आम प्रकार का वायरस है जिसका किसी भी प्रकार के Flu से कोई लेना-देना नहीं होता। आमतौर पर Noro Virus के लक्षण शरीर में दिखने में 12 से 48 घंटो का समय लगता है और इस वायरस से ग्रषित मरीज़ 1 से 3 दिनों में ठीक हो जाते हैं। इस वायरस से ग्रषित मरीज़ को मुख्य रूप से कमज़ोरी महसूस होने के साथ-साथ दस्त और उल्टी की शिकायत होती है, जिसके तत्पश्चात मरीज़ का शरीर Dehydrate हो जाता है अर्थात शरीर में पानी की कमी हो जाती है।

  • दस्त
  • उल्टी
  • जी मचलाना
  • पेट में दर्द
  • बुखार
  • सर दर्द
  • शरीर दर्द

नोरो वायरस कैसे फैलता है?

  • Noro Virus के फैलने का मुख्य कारण है वायरस से दूषित भोजन अथवा पानी का सेवन करना।
  • Noro Virus से ग्रषित सतह या वश्तुओं को चुना और उसके पश्चात अपने हाथों को अपने मुँह या नाक में लेना।
  • इससे वायरस से ग्रषित मरीज़ के संपर्क में आना और उसके साथ भोजन करने पर संक्रमण फैलने का खतरा काफी हद्द तक बढ़ जाता है।
  • केवल यही नहीं इस वायरस से ठीक हो चूका मरीज़ दो सप्ताह के अंदर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है।
  • वैसी खाद्य पदार्थ वस्तु जिसे इस वायरस से संक्रमित पानी का उपयोग कर उपजाया गया हो।
  • संक्रमित मरीज़ के छींकने पर इस वायरस से निकले छोटे-छोटे कण वातावरण में फैलकर किसी को भी संक्रमित कर सकता है।

नोरो वायरस कितना खतरनाक है?

नोरो वायरस के कीटाणु इस वायरस से ग्रषित मरीज़ के मल और उलटी में पाया जाता है और इस मल या उल्टी की छोटी सी मात्रा से ही कोई भी स्वास्थ्य व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ऐसी हालात में Noro Virus से संक्रमित मरीज़ के संपर्क में आने से बचें और कोशिश करें की इसके द्वारा इस्तेमाल किये गए खाने का बर्तन, कपड़े या ऐसे किसी दिनचर्या की वस्तुओं को साझा करने से बचें और मरीज़ को एकांत में रखें और चिकित्षक परामर्श अवश्य लें।

नोरो वायरस से कैसे बचें?

वर्तमान में अगर बात करें तब इस वायरस से बचने के लिए अभी तक किसी प्रकार की कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, वैज्ञानिक अभी भी इसकी दवा के खोज में लगे हुए हैं और आने वाले कुछ वर्षों में संभव है की इससे जुड़ी कोई वैक्सीन इंसानो के लिए उपलब्ध हो जाए।

वैक्सीन के न होते हुए भी आप इस वायरस से खुद का और अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं, इसके लिए आपको केवल अपने दिनचर्या में कुछ जरुरी आदतों को शामिल करना पड़ेगा।

  • अपने हाथों की बराबर और अच्छी तरह से साबुन से सफाई करते रहें जैसे टॉयलेट से आने के बाद, खाना खाने से पहले, डायपर बदलने के पश्चात, खुद अथवा दूसरों को दवाइयां देने के पश्चात।
  • खाद्य पदार्थ को संभाल कर स्वक्ष स्थान पर रखें और सुक्षित स्थान पर ही पकाएंऔर साथ ही एक बात का ध्यान अवश्य रखें की नोरो वायरस के 62 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर भी जीवित रहते हैं इसलिए खाना पकाने में जल्द बाज़ी न करें खाने को अच्छे से इससे अधिक तापमान पर पाक जाने दें उसके बाद ही सेवन करें।
  • जब आप या आपके परिवार के कोई सदस्य बीमार पड़ते हैं तब उन्हें बाकियों के लिए खाना पकाने से रोकें और दूसरों की देखभाल करने से भी रोके।
  • समय-समय पर अपने आस-पास और अपने घर को Dis-Infect करते रहें। पानी को स्वक्ष और इसे कीटाणु रहित बनाने के लिए क्लोरीन का इस्तेमाल करें।
  • आप अपने उन कपड़ो को तुरंत ही सर्फ़ का इस्तेमाल कर साफ़ करें जिनमे आपको लगता हो की इस में Noro Virus के कीटाणु हो सकते हैं।

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नोरो वायरस का इलाज़ कैसे करें?

चूँकि यह बिमारी अभी बिलकुल नयी है इसलिए फिलहाल अभी इसकी कोई दवाई या वैक्सीन तो नहीं पर आप शुरूआती दौर में कुछ सतर्कता बरत कर आप खुद का अपने परिवार का बचाओ कर सकते हैं। अगर आपको ऐसी कोई लक्षण दिखे तब जल्द ही अपने क्षेत्र के नज़दीकी सवास्थ्य केंद्र पर जाएँ और डॉक्टर से सलाह-परामर्श लें।

निष्कर्ष

इस लेख में आपने यह जाना की नोरो वायरस क्या होता है? यह कैसे फैलता है? और इससे कैसे खुद का और अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं? लेख में दी गयी जानकारी अच्छी लगी हो तब अपने परिवार और दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें, धन्यवाद।

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FAQ’s

Q: नोरो वायरस क्या है?

Ans: नोरो वायरस बहुत ही संक्रामक वायरस है जो मुख्य रूप से उल्टी और दस्त के कारण बनते है। नोरो वायरस से संक्रमित मरीज़ में इसके बहुत से संक्रामक जीवाणु मौजूद होते हैं और इसके थोड़े से संक्रामक कण किसी दूसरे इंसान को भी इस वायरस से ग्रषित कर सकता है। कोई भी इंसान अपने जीवन काल में नोरो वायरस से कई बार ग्रषित हो सकता है, क्यूंकि Noro Virus के एक नहीं बल्कि कई प्रकार हैं।

Q: नोरो वायरस के लक्षण क्या है?

Ans: Noro Virus के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
दस्त, उल्टी, जी मचलाना, पेट में दर्द, बुखार, सर दर्द, शरीर दर्द

Q: नोरो वायरस कैसे फैलता है?

Ans: नोरो वायरस के फैलने का मुख्य कारण है वायरस से दूषित भोजन अथवा पानी का सेवन करना।
Noro Virus से ग्रषित सतह या वश्तुओं को चुना और उसके पश्चात अपने हाथों को अपने मुँह या नाक में लेना।
इससे वायरस से ग्रषित मरीज़ के संपर्क में आना और उसके साथ भोजन करने पर संक्रमण फैलने का खतरा काफी हद्द तक बढ़ जाता है।

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